शहर से गांव डगर तक की कहानी

जीटी रोड लाइव खबरी

कांग्रेस नेता व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चाईबासा कोर्ट द्वारा जारी गैर जमानती वारंट को निरस्त करने को लेकर दाखिल क्रिमिनल याचिका की सुनवाई मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में हुई. कोर्ट से आग्रह किया गया कि राहुल गांधी को चाईबासा कोर्ट में सशरीर उपस्थिति से छूट प्रदान की जाए. इस पर हाईकोर्ट ने समन मिलने पर कोर्ट नहीं जाने को लेकर सवाल पूछा.

राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि राजनीतिक कार्यक्रमों के चलते 26 जून तक राहुल गांधी व्यस्त हैं. ऐसे में इसलिए किसी दूसरी तिथि 6 अगस्त को वे चाईबासा के एमपी-एमएलए के स्पेशल कोर्ट में सशरीर उपस्थित होंगे. कोर्ट ने तब तक के लिए गिरफ्तारी पर रोक लगायी है. प्रतिवादी को ओर से अधिवक्ता विनोद साहू ने पैरवी की.

चाईबासा कोर्ट से जारी हुआ है गैर-जमानती वारंट

दरअसल, बीते दिनों चाईबासा स्थित एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें 26 जून 2025 को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है. इसे लेकर राहुल गांधी के अधिवक्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल किया था.

इसमें कहा गया है कि जब इस मामले में राहुल गांधी की ओर से व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट को लेकर सीआरपीसी की धारा 205 के तहत याचिका दाखिल की गई है, जो अब तक हाई कोर्ट में लंबित है. इसे कंसीडर नहीं करते हुए चाईबासा कोर्ट ने राहुल के गांधी के खिलाफ नॉन बेलेबल गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, जो अनुचित है. इसलिए राहुल गांधी के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को निरस्त किया जाए.

क्या है पूरा मामला

यह मामला वर्ष 2018 में राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक राजनीतिक भाषण से जुड़ा है. 28 मार्च 2018 को कांग्रेस के एक अधिवेशन के दौरान राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया था. इस भाषण को लेकर भाजपा नेता प्रताप कटियार ने 9 जुलाई 2018 को चाईबासा सीजेएम कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था.

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version