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साल के अंत में विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रविवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 का विरोध करने को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ‘वक्फ बचाओ-दस्तूर बचाओ’ के तहत प्रदर्शन किया. इस सम्मेलन सह प्रदर्शन में हजारों नागरिक शामिल हुए.

आपको बता दें कि वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन का राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आयोजन अलग-अलग राज्यों में हो रहा है. पटना में आयोजित इस कार्यक्रम का नेतृत्व इमारत-ए-शरिया ने किया तो वहीं कई राजनीतिक और धार्मिक समूहों ने इसका समर्थन किया. 

सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं ने कहा कि, मुसलमानों में इस बात को लेकर चिंता है कि संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में मुस्लिम समुदायों की स्वायत्तता को कमजोर करता है. इसके अलावा विवादास्पद वक्फ अधिनियम मुसलमानों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन भी करता है.

उनका ये भी कहना है कि, यह वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण को केंद्रीकृत करता है. धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है और इसमें मुस्लिम हितधारकों के साथ पर्याप्त परामर्श का अभाव है.

सम्मेलन का उद्देश्य संवैधानिक मूल्यों और अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा के लिए समुदायों में समर्थन जुटाना है. ‘वक्फ बचाओ-दस्तूर बचाओ’ रैली में आई भीड़ मौजूदा केंद्र सरकार और बिहार की नीतीश सरकार के खिलाफ भी नाराजगी जाहिर की.

लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार को नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का समर्थन मिला है. नीतीश कुमार शुरू से ही खुद को मुसलमानों का हितैषी बताते है लेकिन, वक्फ संशोधन के ममाले में उन्होंने हमारे हितों की उपेक्षा वाले कानून को समर्थन दिया है. इससे मुसलमानों के एक बड़े वर्ग में नाराजगी है.

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