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बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. इस चुनाव को लेकर सभी मुख्य राजनीतिक दलों में तैयारियों का दौर तेज हो गया है. राहुल गांधी के पिछले दिनों बिहार दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29-30 मई को बिहार के दौरे पर आने वाले हैं. वहीं जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार के पैतृक गाव कल्याण बिगहा से राज्यव्यापी सिग्नेचर कैंपन की शुरुआत किया है. अब प्रशांत किशोर ने संगठन के नजरिए से बड़ा एलान किया है.
सोमवार को प्रशांत किशोर ने जनसुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह के नाम की घोषणा की. उदय सिंह जन सुराज पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे. इसकी जानकारी जन सुराज पार्टी ने अपनी एक्स अकाउंट पर भी दी. पोस्ट में लिखा, “जन सुराज पार्टी की 150 सदस्यीय कोर कमिटी ने सर्वसम्मति से उदय सिंह जी को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुना.” अध्यक्ष बनने के बाद उदय सिंह ने कहा, “पूरी मेहनत से काम करके अपनी बातों को अपनी जनता तक पहुंचाएंगे. आशा करेंगे कि जनता बात को समझे, सहयोग करे और बिहार में एक परिवर्तन करके एक अच्छी सरकार बनवाए.”
पप्पू सिंह पूर्णिया लोकसभा सीट से दो बार भाजपा के सांसद रह चुके हैं और उन्होंने 2019 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पप्पू यादव का समर्थन किया था, जिसके चलते पप्पू यादव पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव जीते थे.
पार्टी चलाने को दिया अपना आवास
पप्पू सिंह जन सुराज पार्टी के स्थापना काल से ही प्रशांत किशोर के साथ हैं. उन्होंने न केवल पार्टी का समर्थन किया है, बल्कि पटना स्थित अपना शेखपुरा आवास भी प्रशांत किशोर को पार्टी चलाने के लिए दिया है. उनके नाम की घोषणा के मौके पर प्रशांत किशोर ने कहा कि अब वह जनसंपर्क पर ध्यान केंद्रित करेंगे तथा संगठन चलाने की जिम्मेदारी उदय सिंह और आरसीपी सिंह जैसे लोगों को सौंपेंगे. आरसीपी सिंह रविवार को ही जनसुराज में शामिल हुए हैं.
नए समीकरण की हो सकती शुरूआत
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि पूर्व सांसद और पप्पू सिंह के जनसुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से बिहार की राजनीति में एक नए समीकरण की शुरुआत हो सकती है. उनकी राजनीतिक अनुभव और लोकप्रियता को देखते हुए यह बदलाव पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. पार्टी की रणनीति और दिशा में भी बदलाव आने की संभावना है. प्रशांत किशोर के साथ मिलकर, पप्पू सिंह बिहार की राजनीति में एक नए मोड़ की शुरुआत कर सकते हैं.
कौन हैं नए अध्यक्ष उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह
वर्ष 2004 और 2009 में बीजेपी के टिकट पर पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाले उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह सेवानिवृत्त नौकरशाह और जदयू के पूर्व राज्यसभा सांसद एन के सिंह के छोटे भाई हैं. पप्पू सिंह दो भाई और चार बहनें हैं. उनके पिता टीपी सिंह अफसर रह चुके हैं तो मां माधुरी सिंह पूर्णिया से दो बार कांग्रेस की सांसद रह चुकी हैं. बड़े भाई एनके सिंह को 2017 में केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया था.
पप्पू सिंह की एक बहन श्यामा सिंह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा की बहू हैं. श्यामा के पति निखिल कुमार दिल्ली के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं. वो औरंगाबाद से सांसद भी रहे, उनके पिता भी इसी सीट पर 7 बार सांसद चुने गए. पप्पू की दो और बहनें राधा सिंह और कृष्णा सिंह भी आईएएस अधिकारी रही हैं. राजनीति हो या अफसरशाही, दोनों में ही पप्पू सिंह के परिवार का दबदबा रहा है.