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फ़िल्म ‘चांदनी’ में लता मंगेशकर के साथ एक हिट ड्यूट गाना गाकर अपने प्लेबैक सिंगिंग करियर की शुरुआत करने वाले गायक बाबला मेहता का मुम्बई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. 65 साल के बाबला मेहता अविवाहित थे. बाबला मेहता की एक पारिवारिक मित्र ने उनकी मौत के बारे में बताया, “22 जुलाई की दोपहर को उनका निधन मुम्बई के गोरेगांव (पूर्व) स्थित घर में हुआ.” सूत्र ने बताया कि बाबला मेहता अकेले थे, ऐसे में पड़ोसियों को भी उनके निधन का देरी से पता चला.

यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी फ़िल्म ‘चांदनी’ के लिए संगीतकार शिव-हरि के संगीत निर्देशन में बाबला मेहता ने लता मंगेशकर के साथ ‘तेरे मेरे होठों पे…’ जैसा हिट गाना गाकर अपने पार्श्व संगीत के करियर का आगाज़ किया था. ऋषि कपूर और श्रीदेवी पर फ़िल्माया गया ये गाना काफ़ी लोकप्रिय हुआ था. इसके बाद बाबला ने ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘तहलका’, ‘जीने दो’, ‘मेजर साहब’ जैसी क‌ई फ़िल्मों के लिए गाने गाए.

बाबला मेहता ना सिर्फ़ एक पार्श्व गायक थे, बल्कि वे भजन और शास्त्रीय गायन की दुनिया का भी एक जाना-पहचाना नाम थे. वो एक म्यूज़िक कम्पोज़र भी थे और उन्हें ग़ैर फ़िल्मी गानों को संगीतबद्ध करने के लिए भी जाना जाता था. साल 2007 में रिलीज़ फ़िल्म ‘वूडेंड’ का संगीत बाबला मेहता ने ही कम्पोज़ किया था. 

ग़ौरतलब है कि बाबला मेहता को अपनी गायिकी के शुरुआती दिनों में ‘गोल्डन वॉयस ऑफ़ मुकेश’ के रूप में जाना जाता था. उन्होंने अपने गायिकी के करियर के दौरान दुनिया भर में मुकेश के हिट गानों को लाइव शोज़ के रूप में प्रस्तुत किया और कवर वर्जन के रूप में मुकेश के 250 से ज़्यादा गाने भी रिकॉर्ड किए. इतना ही नहीं, उन्होंने मुकेश को समर्पित 10 सोलो एलबम और 6 ड्यूट एलबम भी रिकॉर्ड कर बाज़ार में उतारे थे.

इसे एक विचित्र संयोग ही कहेंगे कि जिन बाबला मेहता की गायिकी की तुलना गायक मुकेश से की जाती थी, उनका निधन भी मुकेश की 102वीं जयंती यानी 22 जुलाई के दिन ही हुआ.

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