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एआईएमआईएम प्रमुख व हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का ज़िक्र किए जाने की निंदा की है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री का 15 अगस्त के दिन लाल क़िले से आरएसएस की तारीफ़ करना “हमारी आज़ादी की जंग की बहुत बड़ी तौहीन” है. ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री उस संगठन की तारीफ़ कर रहे हैं, जो “इस मुल्क में नफ़रत फैलाता” है. अफ़सोस है कि प्रधानमंत्री ने इस तरह की बात की है. ये ग़लत है, देश के लिए ठीक नहीं है.”

ओवैसी ने कहा, “आरएसएस और उसके जितने संगठन हैं, उन्होंने आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया था बल्कि वे आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले बड़े-बड़े नेताओं से नफ़रत करते थे. मेरा मानना है कि आरएसएस हमेशा से सबको साथ लेकर चलने वाले राष्ट्रवाद का विरोध करता रहा है, जिसकी बुनियाद पर देश को अंग्रेज़ों की ग़ुलामी से आज़ाद कराया गया था.” 

पीएम मोदी ने आरएसएस पर क्या कहा था?

स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर अपने 103 मिनट लंबे भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने आरएसएस का ज़िक्र 82वें मिनट में किया. उन्होंने कहा, “आज मैं बहुत गर्व के साथ एक बात का ज़िक्र करना चाहता हूं. आज से सौ साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सौ साल की राष्ट्र की सेवा का एक बहुत ही गौरवपूर्ण स्वर्णिम पृष्ठ है.”

पीएम मोदी ने कहा, “सेवा, समर्पण, संगठन और अप्रतिम अनुशासन इसकी पहचान रही है, ऐसा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है एक प्रकार से, सौ साल का उसका समर्पण का इतिहास है.”

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