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लौहनगरी झारखंड के जमशेदपुर की होनहार बेटी शांभवी जायसवाल ने आईसीएसई की 10वीं बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक हासिल कर देश में पहला स्थान प्राप्त किया है. लोयोला स्कूल की इस मेधावी छात्रा ने सेल्फ स्टडी के दम पर न केवल जमशेदपुर, बल्कि पूरे भारत में झारखंड को गर्व करने का पल दिया है. शांभवी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने साबित कर दिया कि सच्ची लगन और मेहनत के आगे कोई मंजिल असंभव नहीं. वह भविष्य में कंप्यूटर साइंस इंजीनियर बनना चाहती हैं और पेंटिंग में भी उनकी गहरी रुचि है.

मेहनत और अनुशासन की मिसाल

शांभवी की सफलता का राज उसकी कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और समय का सही उपयोग है. उन्होंने हर विषय को गहराई से पढ़ा, नियमित अभ्यास किया और अपनी कमियों को सुधारा. बिना किसी कोचिंग या अतिरिक्त क्लास के, शांभवी ने घर पर ही सेल्फ स्टडी के बल पर यह मुकाम हासिल किया. मां ओजस्वी शंकर ने पढ़ाई के दौरान उसकी हर मुशिकलों को हल किया और लगातार उसका हौसला बढ़ाया. शांभवी कहती हैं, मम्मी ने मेरे हर डाउट को आसान बनाया. उनकी वजह से मैं बिना रुके आगे बढ़ी.

शांभवी के माता-पिता दोनों ही डॉक्टर हैं और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी अपनी मिसाल है. पिता अभिषेक जायसवाल, मेहर बाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के रेडियोलॉजी विभाग में प्रमुख हैं, जबकि मां ओजस्वी शंकर, मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. पिता अभिषेक ने बताया, जब हमें पता चला कि शांभवी ने पूरे देश में टॉप किया है, तो पहले यकीन नहीं हुआ. वह स्कूल में हमेशा अव्वल रही, लेकिन देश में पहला स्थान हासिल करना सपने जैसा है. हम भगवान से उसकी तरक्की की प्रार्थना करते हैं. घर का शैक्षणिक माहौल और माता-पिता का मार्गदर्शन शांभवी के लिए सबसे बड़ा सहारा रहा. शाम्भवी को लगातार बधाई मिल रही है.

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