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बिहार विजय के लिए झारखण्ड भाजपा नेता-कार्यकर्ताओं ने कमर कस ली है। इसके लिये भाजपा की झारखण्ड की पूरी इकाई तैयार है। हाई कमान का भी संकेत ही नहीं लगभग निर्देश भी है। बीजेपी ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक सूची भी तैयार कर ली है। जिसमें उनके कार्यकर्ता बिहार चुनाव में भाग लेने वाले हैं. इन सभी नेताओं पर संगठनात्मक कार्य से लेकर चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी.
बीजेपी कार्यकर्त्ता उठायेंगे चुनाव का प्रभार
झारखण्ड के बीजेपी नेताओं को बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव का कार्यभार सम्भालने का कार्य सौंपा गया है. जिसमें बूथ मैनजमेंट, मीडिया, बड़े नेताओं के चुनावी दौरे और संगठन के कार्य शामिल है. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सह प्रभारी के रूप में सांसद दीपक प्रकाश लगातार दौरा कर रहे है. साथ ही साथ झारखण्ड के सभी विधायकों और सांसदों को बिहार विधानसभा चुनाव में प्रभार दिया जा रहा है.
बीजेपी के नेता कर रहे हैं दोनों राज्यों का दौरा
झारखण्ड और उतर प्रदेश से सटे जिलों पर बीजेपी नेताओं को विशेष ध्यान देने की जिम्मेवारी दी गई है. झारखण्ड और उतरप्रदेश में रहने वाले बिहारियों को मतदान करने के लिए जागरूक करने, जो अपने घरों से दूर रहते है उन्हें मतदान करने के समय वापस घर बुलाने का अनुरोध कर रहे है. साथ ही साथ बीजेपी के नेता दोनों राज्यों का दौरा कर रहे है. वहीँ बीजेपी के प्रवक्ता अजय साह ने बताया कि बिहार प्रवास के दौरान झारखण्ड से जानेवाले नेताओं के उपर मीडिया से लेकर जितने भी चुनावी कार्य हैं उनकी जिम्मेदारी उन पर रहेगी. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है. इसलिए किसी राज्य में चुनाव होते हैं तो एक दूसरे राज्य से कार्यकर्ता नेता वहां जाते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में भी झारखंड में बिहार से कई नेता यहां आये हुए थे.
चुनाव सितंबर-अक्टूबर में होने की संभावना
बिहार विधानसभा चुनाव इस वर्ष सितम्बर या अक्टूबर में होने की सम्भावना जताई जा रही है. बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए होनेवाले इस चुनाव को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए एक बार फिर सरकार में वापसी की तैयारी कर रही है. आपको बताते चलें कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 74 सीटें मिली थी, जबकि राष्ट्रीय जनता दल को 75 और जदयू को 43 सीटें मिली थी. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से तैयारी शुरू हो गई है. बीजेपी किसी भी हाल में सत्ता में वापस आना चाहती है. इसी कारणवश बिहार के पड़ोसी राज्यों से करीब 10 हजार कार्यकर्ताओं और नेताओं को चुनाव के दौरान होने वाले कार्यों में शामिल किया जायेगा .