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पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गिरिजा व्यास का निधन हो गया है. वो 78 साल की थीं. बीते 31 मार्च को राजस्थान के उदयपुर स्थित अपने घर में हुई एक घटना में वह 90 फीसदी झुलस गई थी जिसके बाद से वह अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में इलाजरत थीं. वह विधायक, सांसद, केंद्र सरकार में मंत्री रहने के अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग की दो बार अध्यक्ष भी रहीं. वह अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की भी अध्यक्ष रही.
8 जुलाई, 1946 को जन्मी गिरिजा व्यास ने उदयपुर से बीए और एमए किया. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से दर्शन शास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाली गिरिजा व्यास ने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया था. परिवार को संभालने की जिम्मेदारी के कारण उन्होंने कभी शादी नहीं की. वह राजस्थान में पहले शिवचरण माथुर और उसके बाद हरिदेव जोशी की सरकार में राज्य मंत्री बनाई गई. 1991 में लोकसभा चुनाव जीतकर उन्होंने केंद्रीय राजनीति में कदम रखा.
ऐसा रहा गिरिजा व्यास का राजनीतिक सफर
सीएम और पूर्व सीएम ने जताया शोक
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है, “पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉक्टर गिरिजा व्यास जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है.” वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने भी गिरिजा व्यास के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने कहा, ” पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉक्टर गिरिजा व्यास का निधन हम सबके लिए एक अपूरणीय क्षति है. डॉक्टर गिरिजा व्यास ने शिक्षा, राजनीति एवं समाज सेवा के क्षेत्र में बड़ा योगदान था. उनका इस तरह एक हादसे का शिकार होकर असमय जाना हम सभी के लिए एक बड़ा आघात है. मैं ईश्वर से उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करता हूं.”