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संसद के मानसून सत्र के दौरान सोमवार को लोकसभा ने राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 को ध्वनि मत से पारित कर दिया. केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने विधेयक के पारित होने पर कहा कि इन विधेयकों के लागू होने से देश में पारदर्शी, जवाबदेह और विश्वस्तरीय खेल वातावरण का निर्माण संभव होगा. उन्होंने इसे भारतीय खेलों को नई दिशा देने वाला कदम बताया. दोनों विधेयक 23 जुलाई 2025 को लोकसभा में पेश किए गए थे.

खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में कहा कि जब भारत ओलंपिक की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करेगा, तब यह जरूरी होगा कि खेल ढांचा मजबूत और पारदर्शी हो. उन्होंने विश्वास जताया कि इन कानूनों से ‘स्पोर्ट्स के ग्राउंड से ग्लोरी’ तक का सपना साकार होगा.

सोमवार को विपक्षी सासंदों के संसद से चुनाव आयोग तक के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कारण विधेयकों पर चर्चा की शुरुआत विपक्ष की गैरमौजूदगी में हुई. लगभग 20 मिनट बाद विपक्षी सांसद सदन में आए और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर हंगामा करने लगे. शोर-शराबा और नारेबाजी के बावजूद दोनों विधेयक ध्वनि मत से पारित कर दिए गए. मांडविया ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे आज़ादी के इतने साल बाद भी खेल क्षेत्र के महत्वपूर्ण सुधारों में सहयोग नहीं कर रहे.

खेल शासन के प्रमुख प्रावधान

राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 का मकसद राष्ट्रीय खेल संघों में बेहतर प्रशासन और गुटबाजी पर रोक लगाना है. इसमें BCCI समेत सभी राष्ट्रीय खेल संघों के लिए स्पष्ट नियम और एक शासन बोर्ड के गठन का प्रावधान है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो. वहीं राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 में WADA (विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी) के सुझावों के मुताबिक संशोधन किए गए हैं. इसका उद्देश्य एथलीटों की तैयारी को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना और प्रतियोगिताओं की निष्पक्षता को मजबूत करना है.

मांडविया ने कहा कि भारत जैसे बड़े देश का ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शन अब तक संतोषजनक नहीं रहा है, जबकि तैयारी का स्तर उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों के अनुसार होना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि ये विधेयक भारतीय खेलों में संरचना, पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धात्मकता को नई ऊंचाई देंगे.

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