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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर केंद्र सरकार द्वारा झारखंड राज्य में नक्सल विरोधी अभियान संचालित किए जाने हेतु केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति के एवज़ में कुल 13,299.69 करोड़ रुपये लंबित बकाया राशि के भुगतान राज्य सरकार से किए जाने के अनुरोध पर इसे पूर्ण रूप से माफ करने का अनुरोध किया है.

राज्य एवं केंद्र सरकार की संयुक्त ज़िम्मेवारी

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि उग्रवाद की समस्या को जड़ से समाप्त करना राज्य एवं केंद्र सरकार की संयुक्त ज़िम्मेवारी है. कोविड -19 महामारी के पश्चात राज्य सरकार आर्थिक पुनरुत्थान करने, आपदाओं से निपटने तथा अन्य जन-कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में जुटी हुई है. अपने सीमित संसाधनों के कारण राज्य पर वित्तीय भार अधिक बढ़ गया है, ऐसे में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति के विरुद्ध लंबित राशि के भुगतान करने पर राज्य सरकार पर एक बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिससे फलस्वरूप विकास योजनाएं प्रभावित होंगी.

झारखंड अति उग्रवाद प्रभावित राज्य

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराते हुए कहा है कि राज्य गठन के समय से ही झारखंड अति उग्रवाद प्रभावित राज्य रहा है.

नक्सल उन्मूलन अभियान में राज्य सरकार द्वारा अपने उपलब्ध संसाधनों एवं केंद्र सरकार द्वारा प्रतिनियुक्त केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के सहयोग से नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया जाता रहा है, जिसके फलस्वरूप राज्य में उग्रवादी गतिविधियों में काफ़ी कमी आयी है.

इस अभियान में झारखण्ड राज्य अंतर्गत अब तक कुल 400 से भी अधिक पुलिस पदाधिकारी/कर्मी कर्तव्य निर्वहन के दौरान शहीद हो चुके हैं.

उपयुक्त परिपेक्ष्य में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अनुरोध किया है कि नक्सल उन्मूलन अभियान में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति में संबंधित प्रतिधारण शुल्क को सहकारी संघवाद (Co-Operative Federalism के सिद्धांत के तहत पूर्ण रूप से माफ करने हेतु आवश्यक कार्रवाई की जाए.

उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस दिशा में केंद्रीय गृह मंत्री का सकारात्मक दृष्टिकोण एवं सहयोग राज्य की जनता को अवश्य प्राप्त होगा तथा राज्य अपने आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा.

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