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केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के तहत 1 मई से 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता झारखंड के डीजीपी रहेंगे या नहीं, इन चर्चाओं व आशंकाओं के बीच गुरूवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने वरीय पुलिस अधिकारियों संग झारखंड से नक्सल उन्मूलन की रणनीति बनाई. इस दौरान एडीजी, आईजी, डीआईजी समेत नक्सल प्रभावित लातेहार, पलामू, चाईबासा, लोहरदगा एवं हजारीबाग के एसपी भी मौजूद रहे.

पुलिस मुख्यालय सभागार में नक्सल उन्मूलन संबंधित मुद्दों पर हुई हाईलेवल समीक्षा बैठक में भाकपा माओवादी व अन्य उग्रवादी संगठन, उनके Splinter Groups का सम्पूर्ण रूप से खात्मा के लिए डीजीपी ने संबंधित अधिकारियों को कई निर्देश भी दिये. इसमें एसपी से कहा गया कि जिले में पूर्व में घटित ऐसे सभी मामलों की समीक्षा करें जो माओवादी / Splinter Groups / आपराधिक गुटों द्वारा धमकी या लेवी माँगने से संबंधित हैं. इसके अलावा नक्सलियों की ओर से होने वाले आगजनी व तोड़फोड़ से संबंधित घटनाओं में भी त्वरित कार्रवाई करने की भी बात कही.

थाना स्तर पर तैयार होगी नक्सलियों की सूची

डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों को नक्सली संगठनों व उसके समर्थक समूहों के प्रत्येक सदस्य का प्रोफाईल बनाकर “know your enemy/ know your friend” के आधार पर जिले में स्थापित सभी थाना/पुलिस पिकेट में पदस्थापित / प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी से इस सूची को साझा करेंगे ताकि यह अच्छी तरह से जान पायें कि उनके क्षेत्र में कौन से नक्सल / Splinter Groups / अपराधी गुट सक्रिय हैं, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई हो सके.

डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को फरार नक्सलियों के खिलाफ कुर्की जप्ती की कार्रवाई करने, उग्रवाद/अपराध के माध्यम से अर्जित किये गये सम्पत्तियों को चिन्हित कराते हुए उसकी सूची तैयार कर वांछित कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया. इसके अलावा फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए पुरस्कार हेतु प्रस्ताव समर्पित करने का भी निर्देश दिया. साथ ही नक्सलियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान और सरेंडर पॉलिसी को और प्रभावी बनाने हेतु व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोंगों को मुख्य धारा में जोड़ने हेतु सकारात्मक प्रयास करने को भी कहा.

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