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जम्मू-कश्मीर में श्रद्धालुओं का पहला समूह आज अमरनाथ की पवित्र गुफ़ा के दर्शन करेगा. वहीं राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने अमरनाथ यात्रा को लेकर कहा है कि हम यात्रियों के आने का इंतज़ार कर रहे हैं, उनका स्वागत किया जाएगा. उमर अब्दुल्लाह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हम उम्मीद और दुआ करते हैं कि यात्रा कामयाब हो. अच्छी तादाद में यात्री आएं, दर्शन करें और सही सलामत घर वापस जाएं. इसके लिए सरकार को जो भी इंतज़ाम करने थे उसकी हमने तैयारी की है.”
श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
पहलगाम में पर्यटकों पर बीते अप्रैल महीने में हुए आतंकी हमले के बाद अमरनाथ यात्रा के लिए इस बार सुरक्षा काफ़ी कड़ी की गई है. यात्रा को सफल और शांतिपूर्ण बनाने के लिए सुरक्षाबलों की कुल 581 कंपनियां कश्मीर में तैनात की गई हैं.
यहां अमरनाथ जाने वाले दोनों रास्तों (पहलगाम और बालटाल) पर कई जगहों पर बंकर्स बनाए गए हैं. पहलगाम के लंगालबाल प्वाइंट पर फे़स रिकग्निशन कैमरे लगाए गए हैं.
पुलिस ने बताया है कि अगर कोई सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करेगा तो उसके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.
पूर्व में हो चुकी है कई घटनाएं
दरअसल, अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों पर हाल के वर्षो में आतंकियों के हमले की कई घटनाएं हो चुकी है. साल 2017 में कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में अमरनाथ यात्रियों पर हुए एक चरमपंथी हमले में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई थी. तो वहीं 2 अगस्त, 2000 को चरमपंथियों ने पहलगाम के बेस कैंप पर हमला किया था. बेस कैंप में 32 लोग मारे गए थे, जिसमें 21 अमरनाथ यात्री थे.
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल ही में बताया था कि पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ जाने की इच्छा रखने वाले यात्रियों की संख्या में कमी देखी गई है. हालांकि जम्मू-कश्मीर सरकार लोगों से लगातार अपील कर रही है कि इस यात्रा में ज़्यादा तादाद में लोग आएं.