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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों को लेकर पेयरिंग स्कीम लागू करने का ऐलान किया है. सरकार के इस क़दम से राज्य के क़रीब 5,000 प्राइमरी स्कूलों के बंद होने का ख़तरा मंडरा रहा है. सरकार ने 50 बच्चों से कम वाले प्राइमरी स्कूलों को दूसरे स्कूलों में विलय का निर्देश दिया है. बेसिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार ने 16 जून के आदेश में कहा था कि जिन विद्यालयों में अपर्याप्त छात्र हैं, उनके दूसरे स्कूलों में विलय से प्रबंधन बेहतर हो पाएगा.

हालाँकि सरकार ने 50 बच्चों का मानक बनाया है. लेकिन हर ज़िले में स्कूल प्रशासन अलग-अलग मानक के अनुसार काम कर रहा है. इस स्कीम के ख़िलाफ़ इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने सरकार ने इस दलील कि विलय की कार्रवाई बच्चों के हित में संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के लिए की जा रही है, के आधार पर ख़ारिज कर दी.

विपक्ष के सवाल पर बीजेपी का बचाव

उत्तर प्रदेश में कम छात्र वाले प्राथमिक स्कूलों के दूसरे स्कूलों में विलय को लेकर विपक्ष ने भी योगी सरकार को घेरा है. विपक्ष का कहना है कि यह योजना ग़रीब और ग्रामीण बच्चों के भविष्य पर सीधा हमला है.

विपक्षी समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आज़म ख़ान ने कहा, “सरकार को कोशिश करनी चाहिए कि बच्चे स्कूल में ज़्यादा संख्या में आएँ और पढ़ें. लेकिन सरकार स्कूल बंद करने पर आमादा है. इससे बच्चों का स्कूल छूट जाएगा और भविष्य ख़राब हो सकता है.” वहीं सपा पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार से सवाल किया, ”बेटियाँ स्कूल कैसे जाएँगीं.”

हालांकि सरकार का तर्क है कि बेहतर शिक्षा के लिए यह क़दम उठाया जा रहा है. बीजेपी ने सरकार का बचाव करते हुए दावा किया है कि इससे बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहेगा. बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा, “योगी आदित्यनाथ की सरकार में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा. सरकार बच्चों को ज़्यादा सुविधा देने जा रही है. बिना सहमति के कोई भी स्कूल मर्जर नहीं किया जाएगा. जहाँ तक दूरी का सवाल है, सरकार उपाय कर रही है.”

संसद में केंद्र सरकार ने बताया था

बता दें कि इस साल फरवरी में केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया था कि पिछले 10 साल में तक़रीबन 89 हज़ार सरकारी स्कूल देश भर में बंद हुए हैं. इनमें क़रीब 25 हज़ार स्कूल उत्तर प्रदेश में हैं. हालाँकि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने ये नहीं बताया था कि ये स्कूल किन वजहों से बंद हुए हैं.

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