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ATS ने धनबाद से प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब उत-तहरीर के पांचवें संदिग्ध आतंकी अम्मार को गिरफ्तार कर लिया है. संदिग्ध आतंकी अम्मार धनबाद के भूली ओपी क्षेत्र के शमशेर नगर में रहता था. वो एक साल पहले ही मई 2024 में जेल से छूटकर आया था.  पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद झारखंड में ATS से अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों की धड़पकड़ बढ़ा दी गई है.

ATS के द्वारा की गई पूछताछ में अम्मार ने बताया है कि वह पहले इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ था. इस आरोप में साल 2014 में जोधपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.आतंकी होने के कारण उसने 10 साल जेल में सजा काटी. अम्मार ने बताया कि वह 10 साल जेल में सजा काटने के बाद मई 2024 में जमानत पर जेल से बाहर आया था. जांच के दौरान ATS को अम्मार के मोबाइल से प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब उत-तहरीर से जुड़े कई दास्तावेज़ मिले है जिसे ATS ने जब्त कर लिया है.

पहले भी दर्ज हुआ था केस

इन्हीं के जरिए वह हिज्ब उत-तहरीर में शामिल हुआ था. गिरफ्तार आतंकी अम्मार के विरूद्ध साल 2024 में जयपुर-राजस्थान के एसओजी थाना में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और प्रतिबंधित संगठन से जुड़े होने के आरोप में एक केस हुआ  था. साथ ही साल 2019 में जयपुर-राजस्थान के लालकोठी थाना और साल 2014 में जोधपुर-राजस्थान के प्रतापनगर थाना में भी अम्मार के खिलाफ एक-एक केस दर्ज हुआ था. संदिग्ध आतंकी अम्मार यासर धनबाद के रहने वाले अपने साथी अयान और जावेद सहित अन्य आरोपियों के संपर्क में था

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