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राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमला मामले में बड़ी कार्रवाई की है. एनआईए ने आतंकियों को शरण देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने इस भयानक हमले को अंजाम दिया था. हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे और 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
पहलगाम के बटकोट के परवेज अहमद जोथर और पहलगाम के हिल पार्क के बशीर अहमद जोथर ने हमले में शामिल तीन आतंकवादियों की पहचान का खुलासा किया है और यह भी पुष्टि की है कि वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे.
एनआईए की जांच के अनुसार, परवेज और बशीर ने हमले से पहले हिल पार्क में मौसमी ढोक (झोपड़ी) में तीन हथियारबंद आतंकवादियों को जानबूझकर शरण दी थी. दोनों लोगों ने आतंकवादियों को भोजन, आश्रय और रसद की सहायता प्रदान की थी, जिन्होंने हमले को अंजाम दिया.
धार्मिक पहचान के आधार पर पर्यटकों को चुन-चुन कर आतंकियों ने मारा. एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 19 के तहत दोनों को गिरफ्तार किया है, 22 अप्रैल 2025 को दुनिया को हिला देने वाले हमले के बाद दर्ज किए गए आरसी-02/2025/एनआईए/जेएमयू मामले की आगे की जांच कर रही है.