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बाल विवाह के दंश से अपना देश भारत निकल ही नहीं पा रहा है.  और झारखंड इस कुरीतियों में ग्यारहवें नंबर पर है.  यदि 2011 की जनगणना की रिपोर्ट को मानें तो साढ़े तीन लाख से अधिक बाल विवाह हुए हैं. हालाँकि बाल विवाह रोकने के सरकारी प्रयास भी कम नहीं किये जा रहे हैं, लेकिन आंकड़ा सुरसा की भांति बढ़ता ही जा रहा है. रांची रेलवे स्टेशन पर एक ऐसी ही नाबालिग़ बच्ची मिली, जो घर से इसलिए भाग गयी थी, कि परिवार वाले उसकी शादी करने जा रहे थे. जबकि वो पढ़ना चाहती है.

रेलवे स्टेशन पर ऐसे मिली बच्ची

रेलवे सुरक्षा बल, रांची मंडल की नन्हे फरिश्ते टीम ने उक्त 15 वर्षीया नाबालिग लड़की को रांची रेलवे स्टेशन से सकुशल रेस्क्यू किया। प्लेटफार्म संख्या 01 पर चेकिंग के दौरान लड़की को जब नन्हे फरिश्ते की टीम ने अकेले बैठे हुए देखा तो उससे पूछताछ की.  उसने अपना नाम सोनिया कुमारी, माता मंजू देवी, निवासी ग्राम चमगाढ़ा, पोस्ट बड़कागांव, थाना सिकरी ओपी, जिला हजारीबाग (झारखंड) बताया.  बोला कि उसके परिवार वाले उसकी शादी करवाना चाहते थे, जिससे परेशान होकर वह घर से भाग आई। अतः लड़की को पूछताछ के उपरांत सभी औपचारिकताओं को पूरी करते हुए चाइल्ड हेल्पलाइन रांची को सौंप दिया गया, ताकि आगे की उचित कार्यवाही की जा सके। इस अभियान में महिला निरीक्षक सुनीता पन्ना, स्टाफ आर.एस. प्रधान, एस.के. सिंह, महिला स्टाफ रेनू और सोनू कुमावत RPF अधिकारियों एवं कर्मियों की भूमिका सराहनीय रही। आरपीएफ राँची के डिविजनल सिक्योरिटी कमिश्नर पवन कुमार के निर्देश पर टीम ने काम किया।

 

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