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मध्य प्रदेश के सीहोर ज़िले में कुबेरेश्वर धाम में कथावाचक प्रदीप मिश्रा की ओर से सावन के मौके पर किए गए धार्मिक आयोजन के दौरान भगदड़ और अत्यधिक भीड़ के चलते पिछले तीन दिनों में सात लोगों की मौत हो गई है. राज्य के राजस्व मंत्री करन सिंह वर्मा ने कहा कि घटना की अलग से न्यायिक जांच की ज़रूरत नहीं है क्योंकि स्थानीय ज़िला प्रशासन की रिपोर्ट पर्याप्त है. हालांकि बुधवार को उन्होंने घटना की न्यायिक जांच की बात कही थी.

कुबेरेश्वर धाम में बुधवार को होने वाले कांवड़ यात्रा से एक दिन पहले मंगलवार को ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम पहुंचने लगे थे. मंगलवार को रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ मचने से गुजरात और उत्तर प्रदेश की रहने वाली दो महिलाओं की मौत हो गई.

बाद में बुधवार को तीन और गुरुवार को दो अन्य श्रद्धालुओं की भी मौत हो गई. गुरुवार को हुई मौत का कारण हार्ट अटैक और बुधवार को हुई तीन लोगों की मौत का कारण अत्यधिक गर्मी, भीड़ और वहां मौजूद अव्यवस्था को बताया जा रहा है. 

कुबेरेश्वर धाम की व्यवस्थाओं को लेकर कई सवाल उठे हैं. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक और चिकित्सा सुविधाओं के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे. वहीं प्रशासन के मुताबिक, बढ़ती भीड़ के चलते ठहरने, भोजन और दर्शन के स्थानों पर अव्यवस्था फैल गई थी, जिससे कई लोग बीमार हो गए और कुछ बेहोश भी हुए. 

कांग्रेस ने कार्रवाई की मांग की, प्रदीप मिश्रा ने जताया दुख

कुबेरेश्वर धाम में हुई घटनाओं को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने आयोजक प्रदीप मिश्रा और आयोजन समिति पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पत्रकारों से कहा, “कानून से ऊपर कोई नहीं होता…जब विराट कोहली पर भीड़ के चलते केस हो सकता है, तो पंडित मिश्रा पर क्यों नहीं?” 

इस बीच, प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं की मौत पर शोक जताते हुए कहा, “कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ लोगों को सेहत में परेशानी हुई थी, इस कारण उनके प्राण चले गए. वे मेरे परिवार के सदस्य हैं. कुबेरेश्वर धाम बहनों का मायका है, इसलिए मैं आपको दीदी और जीजा जी कहता हूं. मेरी बहनों के प्राण गए, इसका मुझे बहुत दुख है. हम कथा में कहते हैं कि बीमार हैं तो यहां नहीं आएं. यदि आपको किसी भी प्रकार का कष्ट है तो आपका यह परिवार, समिति हमेशा आपके साथ खड़ा है.”

वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा,”बेहद दुखद घटना है. अफसरों को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए कहा है. आयोजक और प्रशासन इस बात का ध्यान रखें, भविष्य में इस तरह की घटना न हो.”

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