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कन्नड़ और तमिल फ़िल्मों की अभिनेत्री रान्या राव को दुबई से बेंगलुरु लौटते समय ग़ैरक़ानूनी तरीके से 14.8 किलोग्राम सोना लाने के मामले में डिफॉल्ट ज़मानत मिल गई है. यह ज़मानत उन्हें स्पेशल कोर्ट फ़ॉर इकोनॉमिक्स ऑफेंस ने दी है. हालांकि जेल से बाहर आने के लिए फिल्म अभिनेत्री को और इंतजार करना होगा क्योंकि उनके ख़िलाफ़ विदेशी मुद्रा संरक्षण एवं तस्करी रोकथाम अधिनियम के तहत एक और मामला दर्ज है.

केंद्रीय एजेंसियों ने 22 अप्रैल को उनके ख़िलाफ़ कोफे़पोसा क़ानून की धाराएं लागू कर दी थीं. इस क़ानून के तहत रिहाई आमतौर पर एक साल तक नहीं हो पाती है. रान्या राव की मां ने उनकी रिहाई के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 3 जून को की जाएगी.

जमनात देते हुए कोर्ट ने कहा

स्पेशल कोर्ट फ़ॉर इकोनॉमिक्स ऑफेंस के न्यायाधीश विश्वनाथ सी गौड़र ने रान्या राव और उनके साथी तरुण कोंडूरू राजू को ज़मानत देते समय कुछ शर्तें रखीं. न्यायाधीश विश्वनाथ सी गौड़र ने कहा कि अगर उन्होंने किसी भी शर्त का उल्लघंन किया तो उनकी ज़मानत तुरंत रद्द कर दी जाएगी. 

उन्हें जो ज़मानत मिली है, उसे ‘डिफ़ॉल्ट ज़मानत’ कहा जाता है क्योंकि उन्हें कस्टम एक्ट के तहत गिरफ़्तार किया गया था. इस कानून के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति को गिरफ़्तार किया जाता है, तो अभियोजन पक्ष को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 187(2) के तहत 60 दिनों के भीतर ‘अभियोजन शिकायत’ दाखिल करनी होती है. यह अभियोजन शिकायत ठीक उसी तरह दर्ज की जाती है जिस तरह किसी आपराधिक मामले में चार्जशीट दर्ज की जाती है.

3 मार्च को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर हुई गिरफ्तारी

अभिनेत्री रान्या राव उर्फ हर्षवर्धनी रान्या को 3 मार्च को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर राजस्व खुफ़िया विभाग ने सोने की तस्करी के मामले में गिरफ़्तार किया गया था. उनसे बरामद किए गए सोने की कीमत लगभग 12 करोड़ रुपये बताई गई थी. बाद में रान्या राव के साथी तरुण कोंडूरू राजू और कर्नाटक के बेल्लारी के एक जौहरी, साहिल साकरिया जैन को भी गिरफ़्तार किया गया.

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