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पाकिस्तानी आकाओं के आतंकी गुर्गे नेपाल के रास्ते कहीं भारत में ना घुस जाएँ, इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक चौपंद कर दी गयी है. हम सभी जानते हैं कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से पूरे देश में आक्रोश है. हमले में शहीद निर्दोष भारतीयों की मौत के बदले , भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तेहत नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया . इसके बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ है. इससे बौखलाए पाकिस्तान ने सीमावर्ती क्षेत्रों में गोलीबारी शुरू कर दी है. जिसकी वजह से सीमवर्ती क्षेत्रों से लोग पलायन कर रहे हैं. इसी बीच भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ने की वजह से युद्ध की आशंका होने लगी है. इसी के मद्देनजर भारत और नेपाल की सीमा को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. ताकि सुरक्षा में किसी तरह की चूक नहीं हो. बिहार और नेपाल की सीमा अंतर्राष्ट्रीय है , जिसकी लम्बाई 729 किलोमीटर है. फिहाल लगभग दो महीने के लिए सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है. हर आने जाने वाले पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, जिसके तहत तलाशी भी ली जा रही है.
SSB के जवानों की छुट्टियाँ भी रद्द
भारत ,पाकिस्तान के तनाव को देखते हुए SSB के जवानों की छुट्टियाँ भी रद्द कर दी गई है. सरकार ने भी सुरक्षा की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है. सभी प्रशासनिक, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े कर्मियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं. अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेन्द्र के निर्देश में कहा गया है कि सभी अधिकारी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए उपलब्ध रहें। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय संभावित आपात स्थिति और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एहतियातन लिया गया है। पूरे राज्य में चौकसी और निगरानी को बढ़ा दिया गया है, ताकि किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। बगहा, पूर्वी चंपारण, बैरगनिया और भिट्ठामोड़ जयनगर, मधवापुर और मधुबनी के लौकहा अररिया और किशनगंज जैसे सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संभावित एजेंटों की नेपाल सीमा से घुसपैठ को रोकने के लिए चौबीसों घंटे सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त है. हर जगह चौकसी और निगरानी को बढ़ा दिया गया है, ताकि किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।