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जम्मू कश्मीर के जम्मू संभाग में भारी बारिश के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि जम्मू के कई इलाकों में भारी बारिश के बाद हालात काफ़ी गंभीर हैं. उन्होंने प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा, “जम्मू प्रांत के कई हिस्सों में हालात काफ़ी गंभीर हैं. आपातकालीन राहत कार्य और अन्य ज़रूरी आवश्यकताओं के लिए उपायुक्तों को अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं.”

जम्मू संभाग में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन भारी बारिश हो रही है. लगभग सभी नदियां और नाले ख़तरे के निशान से ऊपर या उसके करीब बह रहे हैं, जिससे शहर और आसपास के कई निचले इलाके और सड़कें पानी में डूब गई हैं.

इस बीच जम्मू-कश्मीर में बारिश और भूस्खलन के कारण कठुआ में बाढ़ में फंसे 22 जवानों और तीन नागरिकों को रेस्क्यू किया गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, सीआरपीएफ़ कैंप क्षतिग्रस्त होने के कारण ये लोग फंसे हुए थे. सेना के अधिकारी के मुताबिक, “देर रात हमें पता चला कि पानी का स्तर काफी बढ़ गया है. यहां पुल से जुड़ने वाला हिस्सा भी बह गया और इलाक़ा पानी में डूब गया. हमें जानकारी मिली कि कुछ सीआरपीएफ़ जवान फंसे हुए हैं. इसके बाद एसडीआरएफ़, एनडीआरएफ़ और आर्मी ने मिलकर बचाव अभियान शुरू किया.”

“सुबह होते ही आर्मी ने हेलिकॉप्टर से राहत और बचाव कार्य किया. आर्मी के हेलिकॉप्टर ने 22 सीआरपीएफ़ जवानों, एक डॉग और तीन आम लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. सभी सुरक्षित हैं और किसी की जान नहीं गई है.” जम्मू क्षेत्र में बारिश और भूस्खलन के कारण आठ लोगों की मौत हो गई है. वैष्णो देवी यात्रा रोक दी गई है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने क्षेत्र की स्थिति पर चिंता जताई है.

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