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गुरुवार को संसद का मानसून सत्र खत्म होने से ठीक एक दिन पहले बुधवार को केंद्र सरकार संसद में तीन विधेयक पेश करेगी. इनमें गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी होने या हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और केंद्रीय शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का प्रावधान है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन तीनों विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने के लिए लोकसभा में एक प्रस्ताव भी पेश करेंगे.

संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 

संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 के उद्देश्यों में कहा गया है कि गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मंत्री को हटाने का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्री और राज्यों व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने के लिए संविधान के अनुच्छेद- 75, 164 और 239ए में संशोधन की आवश्यकता है.

जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक

जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 के उद्देश्यों के अनुसार; जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने के लिए जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा- 54 में संशोधन की आवश्यकता है.

केंद्र शासित प्रदेश की सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 के उद्देश्यों एवं कारणों के विवरण के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश की सरकार अधिनियम, 1963 के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी और हिरासत में लिए जाने पर मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है. अत: ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने के लिए केंद्र शासित प्रदेश की सरकार अधिनियम, 1963 की धारा- 45 में संशोधन की आवश्यकता है.

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