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धनबाद के बेहद चर्चित मामलों में से एक पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड मामले में पूर्व झरिया विधायक संजीव सिंह को कोर्ट ने बरी कर दिया है. साढ़े आठ साल बाद इस मामले में आए फैसले में धनबाद कोर्ट ने वर्तमान झरिया विधायक रागिनी सिंह के पति व पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत सभी 11 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. इससे पहले संजीव सिंह को स्ट्रेचर पर कोर्ट के अंदर ले जाया गया. पुलिस उन्हें एंबुलेंस में सिंह मेंशन से लेकर कोर्ट पहुंची थी.
कोर्ट का फैसला आने के बाद नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने कहा फैसले की कॉपी मिलने के बाद वह हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती देंगे. वहीं संजीव सिंह के समर्थक कोर्ट रोड में खुशी मनाते हुए नजर आए. पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी और झरिया विधायक रागिनी सिंह ने अपने समर्थकों के साथ खूब जश्न मनाया.
धनबाद के एमपी एमएलए कोर्ट में विशेष न्यायाधीश दुर्गेशचंद्र अवस्थी की अदालत ने बीते 13 अगस्त को इस मामले में सुनवाई पूरी की थी और फैसले के लिए 27 अगस्त की तिथि तय किया था. एमपी-एमएलए के स्पेशल जज दुर्गेश चंद्र अवस्थी ने सभी 10 आरोपियों को सशीर कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था. भारी गहमागहमी के बीच कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए संजीव सिंह को बरी कर दिया. संजीव सिंह इस मामले में आठ साल से अधिक समय तक जेल में रहे और बीते 8 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह जेल से बाहर आए थे.
साल 2017 में हुए पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत 4 लोगों की हुई हत्या मामले की जांच में पुलिस ने कुल 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. हालांकि इस हत्याकांड में शामिल छह आरोपियों के खिलाफ जांच अभी भी जारी है. इन आरोपियों के खिलाफ जांच अभी पूरी नहीं हुई है. इस मामले में एक आरोपी अमन सिंह की 3 दिसंबर 2023 को धनबाद जेल में हत्या कर दी गयी थी.
इस मामले में 8 साल तक 6 कोर्ट में 408 तारीखों में हुई सुनवाई के बाद यह फैसला आया है. 49 तारीख और 22 महीने के बाद 3 जनवरी 2019 को आरोपियों के खिलाफ चार्जफ्रेम किया गया तो वहीं अभियोजन की ओर से 106 तारीख के दौरान 74 में से 37 गवाह और साक्ष्य पेश किये गये. बचाव पक्ष की ओर से 86 तारीख पर 5 लोगों की गवाही करायी गयी. 49 तारीख पर दोनों पक्षों के वकीलों की तरफ से बहस हुई.
बता दें कि नीरज सिंह धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस पार्टी के नेता थे. वह झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के चचेरे भाई थे. दोनों परिवारों के बीच राजनीति और कोयला कारोबार में वर्चस्व को लेकर पुरानी अदावत थी. जिसके बाद 21 मार्च 2017 की रात नीरज सिंह अपनी फॉर्च्यूनर कार से घर लौट रहे थे.
धनबाद के स्टील गेट इलाके में एक स्पीड ब्रेकर पर जैसे ही उनकी कार धीमी हुई, अपराधियों ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया और उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. इस घटना में नीरज सिंह, उनके निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी, ड्राइवर घल्टू और उनके एक करीबी समर्थक अशोक यादव की मौके पर ही मौत हो गई.