जीटी रोड लाइव खबरी
सीएम हेमंत सोरेन रविवार को पचास साल के हो गए. पिता शिबू सोरेन के निधन होने के कारण इस साल मुख्यमंत्री सोरेन अपना जन्मदिन नहीं मना रहे हैं और इस दौरान वह अपने पैतृक गांव नेमरा में परिजनों संग मौजूद हैं क्योंकि 15 और 16 अगस्त को दिशोम गुरु शिबू सोरेन और दशकर्म व श्राद्धकर्म है. हेमंत सोरेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी, राज्यपाल संतोष गंगवार, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा समेत कई अन्य नेताओं ने जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं दी. मुख्यमंत्री ने जन्मदिन की बधाई देने वाले सभी लोगों का आभार जताया है.
पिता को याद कर लिखा भावुक पोस्ट
50वें जन्मदिन के मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने दिवंगत पिता शिबू सोरेन को याद करते हुए एक भावुक पोस्ट लिखा है. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, “आज बाबा बहुत याद आ रहे हैं. मुझे जीवन देने वाले मेरे जीवनदाता, मेरी जीवन की जड़ें जिनसे जुड़ी हैं, वही मेरे साथ नहीं हैं.
बहुत कष्टकारी क्षण है यह. जिनकी मजबूत उंगलियों ने बचपन में मेरे कदमों को थामा, जिनके संघर्ष और लोगों के प्रति जिनके निश्चल प्रेम ने मुझे संवेदनशीलता के साथ जीना सिखाया, हर कठिनाई को सहजता से अवसर में बदलना सिखाया और जब भी राह में अंधेरा हुआ, दीपक बनकर मुझे आगे बढ़ने का रस्ता दिखाया, वह बाबा दिशोम गुरुजी प्रकृति का अंश बनकर सर्वत्र हो गए हैं.”
आगे उन्होंने लिखा, “आज बाबा भले ही सशरीर साथ नहीं हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि वे सूरज की हर रोशनी में हैं, हर पेड़ की छाया में हैं, हर बहती हवा में हैं, हर नदी की धार में हैं, हर उस अग्नि की लौ में हैं, जिसमें उन्होंने मुझे सत्य, संघर्ष, कभी न झुककर – निडर होकर जन-जन की सेवा करने की शिक्षा दी. मेरे बाबा के आदर्श, विचार और शिक्षा की सीख मेरे लिए सिर्फ पुत्र धर्म नहीं, सामाजिक दायित्व भी है.”
सीएम ने आगे लिखा, “उन्होंने मुझे अपने लोगों से जुड़ना सिखाया, मुझे बताया कि नेतृत्व का अर्थ शासन नहीं, सेवा होता है. आज जब मैं अपने राज्य की जिम्मेदारी उठाता हूं, तो उनकी बातें, उनकी आंखों का विश्वास, उनकी मेहनत और संघर्ष से सना हुआ चेहरा, लोगों की पीड़ा खत्म करने वाला दृढ़विश्वासी मन, शोषितों-वंचितों और आदिवासी अस्मिता को मुख्यधारा में लाने का संकल्प, मुझे हर निर्णय में मार्गदर्शन देता है.”
अंत में मुख्यमंत्री ने लिखा, “बाबा अब प्रकृति में हैं। अब इस मिट्टी में हैं, हवा में हैं, जंगलों में हैं, नदियों में हैं, पहाड़ों में हैं, गीतों में हैं – उन अनगिनत लोककथाओं की तरह, जो हमेशा अजर-अमर रहती हैं. बाबा मुझे गर्व है कि मैं आपकी संतान हूं, मुझे मान है कि मैं वीर योद्धा दिशोम गुरुजी का अंश हूं. वीर दिशोम गुरु शिबू सोरेन अमर रहें!”