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पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद से बीते 5 अगस्त से अपने पैतृक गांव नेमरा में रहने के बाद सोमवार देर शाम सीएम हेमंत सोरेन अपने परिवार संग राजधानी रांची लौट आए. रांची लौटने के पूर्व उन्होंने पूरे परिवार के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई और उसे अपने एक्स अकाउंट पर साझा भी किया. तस्वीरों में मां रूपी सोरेन समेत पूरा परिवार साथ था हालांकि परिवार की बड़ी बहू व पूर्व विधायक सीता सोरेन नहीं दिखी. 

रांची लौटने के पहले सीएम हेमंत सोरेन ने अपने एक्स पर लिखा, “बाबा दिशोम गुरुजी के संघर्ष की साथी – मां वीर दिशोम गुरु शिबू सोरेन अमर रहें!” दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 14 दिनों से अपने पैतृक गांव नेमरा में थे.

लगातार दस दिनों तक मुख्यमंत्री ने संताली रीति-रिवाजों के अनुसार गुरुजी के श्राद्धकर्म तथा परंपरागत अनुष्ठानों को पूरा किया. 16 अगस्त को श्राद्धकर्म और संस्कार भोज के आयोजन के बाद रविवार 17 अगस्त को रजरप्पा स्थित दामोदर नद में गुरुजी की अस्थियों का उन्होंने विधिवत विसर्जन भी किया. गुरुजी को अंतिम विदाई देने कई राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मंत्री, नेता, कार्यकर्ता सहित लाखों लोग नेमरा पहुंचे.

सीएम आज जा सकते हैं घाटशिला

सीएम हेमंत सोरेन मंगलवार को घाटशिला जा सकते हैं. वहां वह दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना प्रदान करेंगे. बीते 15 अगस्त को रामदास सोरेन के निधन होने के बाद से सीएम अपने दिवंगत पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्धकर्म से जुड़ी रीति-रिवाजों व परंपरागत अनुष्ठानों के कारण रामदास सोरेन के परिजनों से मिल नहीं सके थे. सीएम हेमंत सोरेन के साथ उनकी पत्नी विधायक कल्पना सोरेन भी घाटशिला जा सकती हैं. 

सोमेश सोरेन का नाम लगभग तय

चर्चा यह भी है कि मुलाकात के दौरान वह दिवंगत शिक्षा मंत्री के बड़े बेटे सोमेश सोरेन को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल करने की संभावनाओं से लेकर उपचुनाव में उनकी उम्मीदवारी पर भी चर्चा कर सकते हैं. बता दें कि स्व. रामदास सोरेन के तीन बेटे हैं. सोमेश अपने पिता रामदास सोरेन के समय से ही उनके साथ राजनीति में सक्रिय रहे हैं. विधानसभा क्षेत्र में अपने पिता का काम देखते रहे हैं. बता दें कि शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन से कैबिनेट में एक जगह खाली है. वहीं अगले छह महीनों में घाटशिला विधानसभा में उपचुनाव होना भी तय है. ऐसे में रामदास सोरेन के बड़े बेटे सोमेश चंद्र सोरेन के चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है. पारिवारिक सूत्रों की मानें, तो यह लगभग तय है.

राज्यसभा में एक सीट खाली

शिबू सोरेन का राज्यसभा में कार्यकाल 21 जून 2026 तक था. उनके निधन के बाद राज्यसभा में एक सीट खाली हो गयी है. राज्यसभा का चुनाव होता है, तो झामुमो के अंदर कई नेता रेस में होंगे. शिबू सोरेन जैसे कद्दावर नेता की जगह पार्टी को नाम तय करने होंगे. झामुमो की कोशिश होगी कि ऐसे उम्मीदवार का चयन हो, जिससे एक पॉलिटिकल मैसेज भी जायें. पार्टी कैडर और शिबू सोरेन के नजदीक रहे लोगों को मौका मिल सकता है.

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