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झारखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने फिर एकबार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बड़ा निशाना साधा है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी झारखंड के लोगों को आपसे इस सवाल का जवाब चाहिए कि राज्य के कानून में डीआईजी बड़ा या डीएसपी.

उन्होंने कहा कि समाचारों से ज्ञात हुआ कि धनबाद इलाक़े के कुछ पुलिसकर्मियों का तबादला डीआईजी की प्रशासनिक कारवाई की अनुशंसा पर हुआ था, फिर किसी डीएसपी की रिपोर्ट पर उन पुलिसकर्मियों का तबादला रोक दिया गया. अब पुलिसकर्मियों के एसोसिएशन ने भी इस तबादले और स्थगन की प्रक्रिया पर सवाल उठाकर मामले की जॉंच की माँग की है.

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आख़िर ऐसा हो भी क्यों नहीं, जब राज्य में कोई डीजीपी नहीं है और जिनसे डीजीपी का काम असंवैधानिक एवं ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से लिया जा रहा है और वे बिना वेतन के ख़ुशी-खुशी अपनी “सेवा” दे कर पूरे पुलिस महकमे और जनमानस के बीच इस “अवैतनिक सेवा” के लिए हँसी-मजाक के पात्र बने हुए हैं. मुख्यमंत्री स्वयं ऐसे हालातों के लिए जिम्मेवार हैं। उन्हें इन सवालों का जवाब अविलंब देना चाहिए.

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