शहर से गांव डगर तक की कहानी

जीटी रोड लाइव खबरी

बिहार में अगले पांच से छह महीनों में विधानसभा चुनाव होना है. भाजपा,राजद, जदयू व कांग्रेस समेत सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां और विधायक चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं, लेकिन इस बीच ही सत्ताधारी भारतीय जनता पाटी को बड़ा झटका लगा है. दरभंगा जिले के अलीनगर से भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव एक मामले में कोर्ट में अपनी सजा माफ कराने पहुंचे थे, लेकिन अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया. जेल भेजे जाने से उनके चुनावी तैयारियों को करारा झटका लग सकता है.

साल 2019 में मारपीट का था मामला

विधायक मिश्री लाल यादव एक पुराने मारपीट के मामले में जेल भेजे गए हैं. दरअसल 29 जनवरी 2019 को रैयाम थाना क्षेत्र के समैला गांव में मारपीट की घटना हुई थी, जिसके बाद पीड़ित उमेश मिश्र ने अगले दिन 30 जनवरी को मिश्रीलाल यादव और सुरेश यादव के खिलाफ मारपीट और पैसे छीनने का मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने मामले की जांच कर 12 अक्टूबर 2019 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की.

17 अप्रैल 2020 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया और सुनवाई शुरू की. लंबी सुनवाई के बाद 21 फरवरी 2025 को विशेष न्यायाधीश करुणानिधि प्रसाद आर्य की अदालत ने मिश्री लाल यादव और सुरेश यादव को दोषी ठहराते हुए तीन महीने की सजा और 500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (मारपीट) के तहत यह सजा दी गई.

इस फैसले के खिलाफ मिश्रीलाल यादव ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय एस के दिवाकर की कोर्ट में अपील दायर की थी. 22 मई 2025 को सुनवाई के दौरान उनकी अपील खारिज कर दी गई, और दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. सजा की अवधि और अन्य कानूनी पहलुओं पर चर्चा के लिए अगली सुनवाई की तारीख 23 मई 2025 निर्धारित की गई है. मिश्री लाल यादव ने कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की बात कही, लेकिन साथ ही यह भी घोषणा की कि वह इस निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे. उनके समर्थकों का दावा है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है.

2020 में वीआईपी के टिकट पर जीता चुनाव

मिश्रीलाल यादव 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर अलीनगर से विधायक चुने गए. लेकिन 2022 में वह वीआईपी के अन्य विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए. इससे पहले, 2003 से 2009 तक वह बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं.
Share.

Comments are closed.

Exit mobile version