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इस साल जून से कैलाश मानसरोवर की यात्रा नाथुला के रास्ते से शुरू होने वाली है. यह यात्रा 2017 में डोकलाम गतिरोध और कोविड-19 महामारी के कारण पांच साल के निलंबति थी. यात्रा के लिए सिक्किम में भारत-चीन सीमा स्थित मार्ग पर तैयारियां की जा रही हैं. यहां यात्रा से संबंधित बुनियादी ढांचे का विकास पूरा होने वाला है. Acclimatization Centers के रेनोवेशन और रीकंस्ट्रेक्शन का काम अगले चार से पांच दिनों में पूरा होने की उम्मीद है. मार्ग के साथ अनुकूलन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं. अक्लाइमेटाजेशन सेंटर में कुल 50-60 लोग होंगे.
तीर्थ यात्रियों के लिए क्या है सुविधा
हर सेंटर में दो पांच बिस्तर वाली और दो- दो बिस्तर वाले कमरे होंगे. साथ ही इनमें तीर्थ यात्रियों के लिए एक मेडिकल सेंटर, ऑफिस, किचन और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी होंगी. स्थानीय निवासी और 2016 की यात्रा में भाग लेने वाले आईके रसैली ने यात्रा फिर से शुरू होने का स्वागत किया और स्थानीय समुदायों के लिए संभावित आर्थिक उत्थान की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा, “पर्यटन फिर से शुरू होगा और स्थानीय आजीविका में सुधार होगा. सिक्किम मार्ग अपनी अच्छी सड़क कनेक्टिविटी के कारण सबसे सुरक्षित और सबसे सुलभ माना जाता है.”वहीं, कबी लुंगचोक के विधायक थिनले शेरिंग भूटिया ने भी सिक्किम के माध्यम से यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों का आभार व्यक्त किया. भूटिया ने कहा, “सिक्किम एक शांतिपूर्ण राज्य है, जहां आतंकवादी गतिविधि का कोई इतिहास नहीं है, जिससे यह मानसरोवर तीर्थयात्रियों के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग बन जाता है.उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यात्रा शुरू होने से पहले मार्ग पर फंक्शनल टॉयलेट और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी. यात्रा के लिए नाथुला मार्ग को फिर से शुरू करने का मामला पहले ही सिक्किम के राज्यसभा सांसद डीटी लेप्चा द्वारा संसद में उठाया जा चुका है, जिसके बाद भारत सरकार और सिक्किम सरकार के बीच कोर्डिनेट करने के प्रयास किए गए. नाथुला के माध्यम से यात्रा को फिर से शुरू करने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और रास्ते पर स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को भी मजबूती मिलेगी.