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भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने झारखंड में एक ही दिन में या यूं कहें कि महज छह घंटे में पहले पूछताछ, फिर प्राथमिकी और अंत में गिरफ्तारी के कारनामे का रिकॉर्ड बनाया है. यह सब कुछ हुआ, राज्य के बेहद चर्चित शराब घोटाले से जुड़े मामले में. मंगलवार की सुबह अन्य दिनों की तरह ही थी लेकिन यह रांची के पूर्व डीसी, मुख्यमंत्री के पूर्व सचिव और वर्तमान में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे व उत्पाद विभाग में संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह के लिए सामान्य नहीं रहा.
सुबह 10:30 बजे एसीबी की टीम ने राजधानी के सबसे पॉश इलाके अशोक नगर से प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे को पूछताछ के लिए अपने साथ लेकर सीएम आवास के ठीक सामने स्थित एसीबी मुख्यालय पहुंची तो शायद उत्पाद विभाग में सचिव का पद संभाल चुके विनय चौबे को अंदाजा हो गया होगा कि मंगल आज अमंगल साबित होने वाला है और कुछ घंटों के बाद यह सच भी साबित हो गया, जब दोपहर बाद एसीबी सूत्रों ने खबर दी कि विनय चौबे को एसीबी ने शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया है.
इस संबंध में एसीबी की ओर से प्रेस रिलीज के मुताबिक शराब घोटाले के इस मामले में एसीबी ने मंगलवार को ही नामजद प्राथमिकी (9/25) दर्ज की, जिसमें गिरफ्तार विनय कुमार चौबे और गजेंद्र सिंह, दोनों अधिकारियों पर अपने पद का दुरुपयोग कर सरकार को 38 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. दर्ज प्राथमिकी एसीबी ने तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त आय़ुक्त गजेंद्र सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया है.
प्राथमिकी में क्या कहा गया
दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि इन अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया. आपराधिक साजिश रच कर, जालसाजी कर प्लेसमेंट एजेंसी को अनैतिक लाभ पहुंचाया, जिससे सरकार को 38 करोड़ का नुकसान हुआ.
एसीबी के मुताबिक जांच के दौरान मिले साक्ष्य के आधार पर मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग से अनुमति मिलने के बाद इस मामले में 20.05.25 को प्राथमिकी दर्ज की गई. इसमें अभियुक्तों को आइपीसी की धारा 120बी, 420, 467, 468, 471, 409, 407, 109, (बीएनएस की धारा 61(2), 318, 336, 340, 316, 45) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7(सी)/12, 13 (2) सह पठित धारा 13(1)(ए) के तहत आरोपित किया गया है.
3 जून तक न्यायिक हिरासत
शराब घोटाला मामले में आईएएस विनय चौबे और गजेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद उन्हें एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को 3 जून तक (14 दिन) न्यायिक हिरासत में भेजा है. इससे पहले एसीबी ने करीब छह घंटे तक दोनों अधिकारियों से पूछताछ की. पूछताछ के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों अधिकारियों को ACB की कोर्ट में पेश किया गया. एसीबी ने आगे की पूछताछ के लिए रिमांड का आवेदन नहीं दिया है.