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रांची के पूर्व डीसी और पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया है. एंटी करप्शन ब्यूरो ने शराब घोटाले से जुड़े मामले में उन्हें गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के पहले एसीबी ने मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे उन्हें पूछताछ के लिए घर से एसीबी कार्यालय लेकर आई थी. करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया.
संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह भी हुए गिरफ्तार
एसीबी ने इसी मामले में संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह को भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है. मंगलवार को एसीबी मुख्यालय में विनय चौबे से पूछताछ के बाद गजेंद्र सिंह को दोपहर में एसीबी कार्यालय बुलाया गया था. तीन-चार घंटों की पूछताछ के बाद उन्हें औपचारिक रूप से एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने मेडिकल टीम बुलाकर दोनों अधिकारियों की जांच भी करवाई.
स्वास्थ्य परीक्षण होने के बाद विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को योगेश कुमार की एसीबी कोर्ट में पेश किया. जहां आवश्यक सुनवाई के बाद एसीबी कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. एसीबी ने विनय चौबे पर छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर झारखंड में नयी शराब नीति बनाने और झारखंड को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है.
बताया जा रहा है कि एसीबी ने छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी ( 36/2024) के बाद इस मामले में पीई दर्ज की. पीई की जांच के दौरान एसीबी ने कई बार तत्कालीन उत्पाद सचिव रहे विनय चौबे और संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह से पूछताछ की थी. पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर एसीबी ने सरकार की अनुमति के बाद शराब घोटाले में नियमित प्राथमिकी दर्ज की थी.
मार्च 2025 में मांगी अभियोजन स्वीकृति
इस बीच मार्च 2025 में आर्थिक अपराध शाखा ने छत्तीसगढ़ में दर्ज प्राथमिकी की जांच पूरा होने के बाद राज्य सरकार को पत्र लिख कर विनय चौबे, गजेंद्र सिंह के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति आदेश जारी करने का अनुरोध किया था. इसके बाद राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा से मिले पत्र के आलोक में सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता एस. नागामुथू से कानूनी राय मांगी. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता से कानूनी राय मिलने के बाद एसीबी ने आज यह कार्रवाई की.