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बिहार की राजधानी पटना समेत कई अन्य जिलों में हाल के समय में आपराधिक घटनाओं खासकर हत्या जैसी कई घटनाओं में सुपारी किलर्स की भूमिका सामने आई है. अब इन सुपारी किलर की पहचान के लिए बिहार पुलिस ने अहम कदम उठाया है. बिहार पुलिस अब ऐसे सुपारी किलर का डाटाबेस तैयार करेगी. यह जानकारी एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी.
प्रेस कांफ्रेस में एडीजी ने कहा कि बिहार में अपराध की घटनाएं नहीं बढ़ी हैं. पिछले साल मई-जून में जितने अपराध हुए हैं, उसकी तुलना में इस वर्ष आपराधिक वारदातें कम हुईं हैं. सबसे ज्यादा हत्याएं अप्रैल-जून में होती रहती हैं. किसानों के पास काम नहीं होता, इसलिए ज्यादा क्राइम होता है.
तैयार होगा सुपारी किलर का डाटाबेस
एडीजी कुंदन कृष्णन ने कहा कि राज्यभर में हत्या की वारदातों को अंजाम देने वाले सुपारी किलर का पुलिस के स्तर पर डाटाबेस तैयार किया जाएगा. इसके लिए एसटीएफ के अंतर्गत खासतौर से सुपारी किलर निगरानी सेल का गठन किया गया है. यह सेल तमाम सुपारी किलर का पूरा ब्यौरा जुटाकर उनका डोजियर बनाएगा. इससे किसी वारदात में ऐसे हत्यारों की पहचान करने में आसानी होगी.
एडीजी ने कहा कि सुपारी किलर का फोटो, नाम, पता समेत तमाम जानकारी एकत्र करके रखी जाएगी. कई युवा पथ भ्रमित होकर पैसे के लालच में सुपारी लेकर हत्या करने का काम करने लगे हैं. इन युवाओं को सही रास्ते पर लाने के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राज्य में नशा के कारोबार पर नकेल कसने के लिए एटीएफ में एक नॉरकोटिक्स सेल का भी गठन किया गया है. इसमें अधिकारियों और कर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है.
अपराध से संपत्ति अर्जित करने वाले अपराधी चिह्नित
एडीजी कृष्णन ने बताया कि राज्य में 1290 ऐसे अपराधियों को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने आपराधिक गतिविधि की बदौलत संपत्ति अर्जित की है. इन सभी की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया पुलिस शुरू करने जा रही है. उन्होंने कहा कि अवैध हथियार या पिता की लाइसेंसी हथियार के साथ कोई नाबालिग पकड़ा जाता है, तो उसके अभिभावक या पिता को भी जेल होगी.