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विवादों से घिरे दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के ख़िलाफ़ इन हाउस जाँच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना को सौंप दी गई है. 5 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर इस बारे में जानकारी दी. जारी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, तीन जजों की कमिटी ने 3 मई, 2025 को अपनी जांच पूरी कर ली और 4 मई को अपनी रिपोर्ट भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को सौंप दी.
इस समिति का नेतृत्व पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू ने किया, और अन्य सदस्यों में हिमाचल और कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायाधीश शामिल थे. इस समिति का गठन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने घटना के सात दिन बाद, 22 मार्च को किया था. समिति ने 43 दिनों बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की.
क्या हैं आरोप
दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा पर आरोप है कि नई दिल्ली स्थित उनके आधिकारिक आवास से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी. 14 मार्च को उनके आवास के एक स्टोर रूम में आग लग गई थी, जहाँ कथित तौर पर बड़ी मात्रा में कैश मिला था. हालांकि, जस्टिस यशवंत वर्मा का दावा है कि उन्होंने या उनके परिवार के किसी सदस्य ने उस स्टोर रूम में कभी कैश नहीं रखा, और उनके ख़िलाफ़ साज़िश रची जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस मामले की जांच के लिए तीन जजों की कमिटी बनाई थी.