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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मंगलवार को झारखंड जगुआर (एसटीएफ) के शहीद आरक्षी सुनील धान के परिजनों ने मुलाकात की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने शहीद आरक्षी सुनील धान के परिजनों को सम्मान राशि के रूप में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, पुलिस सैलरी पैकेज के अंतर्गत निर्गत 1 करोड़ 20 लाख रुपए की वित्तीय सहायता राशि का चेक सौंपा. वहीं गृह विभाग द्वारा 1 करोड़ 46 लाख 26 हजार 972 रुपए की राशि उनके बैंक अकाउंट में क्रेडिट किए गए.
मुख्यमंत्री ने शहीद जवान के परिजनों से सहानुभूतिपूर्वक बातचीत की तथा उनकी पारिवारिक स्थिति की जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहीद के परिजनों के साथ सदैव खड़ी है. उन्होंने कहा कि आरक्षी सुनील धान जी ने राज्यवासियों की सेवा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, उनकी शहादत को नमन करते हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार एक शहीद परिवार की पीड़ा को गहराई से समझती है. झारखंड हमेशा अपने शहीदों का ऋणी रहेगा. राज्य सरकार अपने बहादुर आरक्षी सुनील धान के परिवार के साथ है. इस मौके पर गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल और डीआईजी झारखंड जगुआर इंद्रजीत महथा समेत कई अन्य मौजूद थे.
अनुकंपा पर नौकरी करने का आग्रह
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से शहीद आरक्षी सुनील धान की 65 वर्षीय माता फगनी उराइन, 29 वर्षीय पत्नी गंदरी धान एवं दो पुत्र प्रियांश धान (5 वर्ष) तथा अनिकेत धान (3 वर्ष) सहित अन्य परिजनों ने संवाद कर पारिवारिक स्थिति की विस्तृत जानकारी साझा की. मुख्यमंत्री ने परिजनों से कहा कि वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करें.
शहीद आरक्षी सुनील धान की पत्नी से मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के प्रावधान के तहत आप चाहें तो अनुकंपा पर सरकारी नौकरी कर सकती हैं. शहीद की पत्नी ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके बच्चे अभी काफी छोटे हैं. आने वाले दिनों में वे नौकरी करने के संबंध में विचार करेंगी.
सरकार आपके साथ
मुख्यमंत्री ने शहीद की पत्नी से कहा कि आप सभी परिजन हिम्मत और धैर्य के साथ आगे बढ़ें, राज्य सरकार सदैव आपके दुःख-सुख में साथ खड़ी रहेगी. मुख्यमंत्री से शहीद आरक्षी सुनील धान की 65 वर्षीय माता फगनी उराइन ने कहा कि खूंटी जिला स्थित कर्रा प्रखंड के कांटी पोहरा टोली में उनका पुश्तैनी घर है, जहां आय के लिए खेतीबाड़ी के साधन उपलब्ध है.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने तत्काल उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि शहीद के परिजनों को मिलने वाले सभी प्रकार का लाभ उन्हें शीघ्र प्रदान किए जाए. मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने अवगत कराया कि पेंशन राशि दिए जाने से संबंधित प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अगले महीने से परिजनों को पेंशन राशि मिलना प्रारंभ हो जाएगा.
आईईडी विस्फोट की चपेट में आने से हुए शहीद
बता दें कि 12 अप्रैल 2025 को चाईबासा जिला अंतर्गत छोटानागरा थाना क्षेत्र के रातामाटी गांव के घने जंगल में नक्सलियों के विरुद्ध विशेष छापामारी अभियान के दौरान आईईडी विस्फोट की चपेट में आने से झारखंड जगुआर के एजी० 11 में प्रतिनियुक्त आरक्षी 361 सुनील धान गंभीर रूप से जख्मी हो गए, उन्हें बेहतर चिकित्सा के लिए एयरलिफ्ट कर रांची भेजा गया जहां इलाज के क्रम में 12 अप्रैल 2025 को वे वीरगति को प्राप्त हुए.