शहर से गांव डगर तक की कहानी

मंगलवार को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गये आईबी अधिकारी मनीष रंजन का पार्थिव शरीर गुरूवार सुबह रांची एयरपोर्ट पहुंचा. एयरपोर्ट पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समेत कई गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. बाद में एयरपोर्ट पर मौजूद आईबी अधिकारी के परिजनों ने उनके पार्थिव शरीर को लेकर झालदा रवाना हो गए. अंतिम संस्कार झालदा में आज ही किए जाने की संभावना है.

सोशल मीडिया पर बाबूलाल मरांडी ने लिखा, ” रांची एयरपोर्ट पर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में शहीद मनीष रंजन जी के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की. हम सभी इस कठिन समय में शोकाकुल परिजनों के साथ खड़े हैं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिजनों को यह अपार दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.”

मनीष रंजन हैदराबाद में आईबी के सेक्शन ऑफिसर के पद पर तैनात थे. घटना के समय वह अपनी पत्नी जया मिश्रा, 12 साल के बेटे और 8 साल की बेटी के साथ कश्मीर घूमने गये थे, परिवार वालों ने कहा कि केंद्र सरकार आतंकी के खिलाफ ठोस से ठोस कार्रवाई करें.

मनीष रंजन मूल रूप से बिहार के सासाराम के रहने वाले थे. उनके पिता मंगलेश मिश्रा पश्चिम बंगाल के झालदा हिंदी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक थे. वह कुछ साल पहले रिटायर हुए हैं. जिसके बाद से परिवार झालदा में ही रहता है. मनीष रंजन हैदराबाद में खुफिया विभाग में कार्यरत थे. वह रांची आईबी में भी अपनी सेवा दे चुके थे.

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