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बिहार में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ महागठबंधन दलों के आगामी 9 जुलाई को प्रस्तावित चक्का जाम के पूर्व सोमवार को पटना में नेता प्रतिपक्ष सह राजद नेता तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर चुनाव आयोग पर बड़ा हमला किया. कांग्रेस व वीआईपी नेता मुकेश सहनी की मौजूदगी में चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने पूछा कि वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन में आधार कार्ड मान्य क्यों नहीं है ? अगर नया वोटर कार्ड बनाने के लिए आधार कार्ड मान्य है, तो पुनरीक्षण प्रक्रिया में इसे क्यों नहीं स्वीकार किया जा रहा है.
तेजस्वी यादव ने बीते 5 जुलाई को चुनाव आयोग से हुई मुलाकात और उस दौरान उठाए गए मुद्दों की चर्चा करते हुए कहा कि अब तक आयोग की ओर से इस मुद्दे पर कोई स्पष्टता नहीं मिली है. ऐसे में लगता है कि बिहार में चुनाव आयोग एक डाकघर की तरह काम कर रहा है, जिसके पास जवाब देने की शक्ति नहीं है.
तेजस्वी ने सवाल उठाते हुए कहा कि इस पुनरीक्षण कार्य में लगे लोग कौन हैं. सरकारी कर्मचारी हैं या निजी एजेंसी से हैं?, आयोग को उनकी सूची सार्वजनिक करनी चाहिए.
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग लोगों को भ्रमित करने में जुटी हुई है क्योंकि आयोग ने पिछले दिनों जो तीन अलग-अलग आदेश जारी किए, जो आपस में विरोधाभासी हैं.
उन्होंने बताया कि, विज्ञापन में कहा गया है बिना दस्तावेज भी गणना प्रपत्र जमा किया जा सकता है, लेकिन आदेश में इसके विपरीत बात दर्शाया गया है. उन्होंने चुनाव आयोग से शंकाओं का बिंदुवार जवाब और पारदर्शिता करने की मांग की.