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बिहार में आगमाी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले आज रविवार को जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को बड़ा समर्थन मिलने वाला है. कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह अपनी पार्टी ‘आप सबकी आवाज’ का विलय जनसुराज पार्टी में करने जा रहे हैं. अपनी पार्टी बनाने से पहले वह भाजपा में भी रह चुके हैं. इसे लेकर आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा के कल्याण बिगहा में बड़ी जनसभा करने जा रहे हैं, जहां औपचारिक तौर पर विलय का एलान होगा.
विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी एनडीए और मुख्य विपक्षी महागठबंधन की आमने सामने की लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में जुटे प्रशांत किशोर अपनी पार्टी जनसुराज से सभी 243 सीटों पर उम्मीदवारों को खड़ा करने की तैयारी में हैं. प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र से विधानसभा चुनाव के शंखनाद की घोषणा की थी. प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह, दोनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास सहयोगी रह चुके हैं. ऐसे में अब दोनों के एक मंच पर आने से नीतीश कुमार के विरोधियों का जमावड़ा आने वाले दिनों में इस मंच पर दिख सकता है.
आरसीपी सिंह आईएएस अधिकारी रहे हैं, नीतीश कुमार के केंद्र में रेल मंत्री रहने के दौरान हुए उनके संपर्क में आए और फिर आईएएस की नौकरी छोड़ जदयू में शामिल हो गए. जदयू में नंबर दो की हैसियत में रहने के दौरान वह राज्यसभा के सांसद भी बने. बाद में पार्टी ने उन्हें अध्यक्ष भी बनाया तो वहीं मोदी के दूसरे कार्यकाल में केंद्र में मंत्री भी बने. केंद्र में मंत्री रहने के दौरान नीतीश से दूरी बढ़ने लगी.
राज्यसभा सांसद के रूप में जब उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद पहले मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और बाद में उन्हें जदयू से बाहर होना पड़ा. जदयू छोड़ने के कुछ महीनों बाद ही उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की, लेकिन नीतीश कुमार के दबाव में उन्हें जब बीजेपी में कोई खास तवज्जो नहीं मिली तो उन्होंने बीजेपी छोड़ अपनी अलग पार्टी बनाई. हालांकि अकेले ज्यादा कुछ नहीं कर पाने के कारण अब वह प्रशांत किशोर के साथ आ रहे हैं.