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झारखंड की राजधानी रांची में एनएचएआई के द्वारा नवनिर्मित रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर यानी रातू रोड फ्लाईओवर अब 3 जुलाई को आम जनता को समर्पित किया जाएगा. यह जानकारी रांची सांसद सह केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर दी. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, ” माननीय केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी जी की व्यस्तता के कारण इसके लोकार्पण की तिथि में परिवर्तन किया गया है. हम सब 03 जुलाई को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा दिए गए इस ऐतिहासिक सौगात के लोकार्पण के साक्षी बनेंगे.”
पहले 19 जून को होना था लोकार्पण
इससे पहले बीते दो जून को केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर का लोकार्पण करने का आग्रह किया था. जिसके बाद 19 जून की तिथि निर्धारित हुई थी.
संजय सेठ ने लिखा था, ”यह झारखंड का पहला एलिवेटेड कॉरिडोर है. इसके चालू पर रांची के रातू रोड क्षेत्र में पिछले चार दशकों से लगने वाले भीषण ट्रैफिक जाम से लोगों को राहत मिलेगी. वाहनों की आवाजाही के सुगम होने के अलावा समय व ईंधन की भी बचत होगी. यह सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि रांची के लाखों नागरिकों को सुविधा और सम्मान देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है.”
नामकरण को लेकर उठा विवाद
चार किलोमीटर लंबे रातू रोड एलिवेटेड फ्लाईओवर का औपचारिक उद्घाटन से पहले इसके नामकरण को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है. सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस गठबंधन ने इस फ्लाईओवर का नाम झामुमो के राज्यसभा सांसद व संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन के नाम पर करने की मांग उठाई है. झामुमो और कांग्रेस का तर्क है कि शिबू सोरेन ने झारखंड राज्य के निर्माण में ऐतिहासिक योगदान दिया, और उनके नाम पर फ्लाईओवर का नामकरण राज्य की जनता के लिए सम्मान की बात होगी.
कैसा है रातू रोड एलिवेटेड कॉरीडोर
रातू रोड फ्लाईओवर (एलिवेटेड कॉरिडोर) का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा कराया गया है. 3.57 किमी लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर को बनाने में करीब 400 करोड़ का खर्च और 26 महीनों का समय लगा है. कॉरिडोर का रैंप 600 मीटर लंबा है. इसके निर्माण से रातू रोड को ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी और रातू, मांडर, खलारी, बिजूपड़ा, चंदवा, लातेहार, पलामू, चतरा, इटकी, बेड़ो व गुमला से शहर आने वाले वाहनों को भी सहूलियत होगी. अधिकतम सात मिनट में वाहन रातू रोड पार कर जायेंगे. फिलहाल एलिवेटेड कॉरिडोर के सर्विस रोड में सौंदर्यीकरण और फिनिशिंग टच का काम अंतिम चरण में है.