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बिहार में कांग्रेस और राजद समेत अन्य महागठबंधन दलों की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को अररिया में संयुक्त प्रेस वार्ता में चुनाव आयोग पर पक्षपाती रवैये का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “इलेक्शन कमीशन, इलेक्शन कमिश्नर और बीजेपी के बीच में पार्टनरशिप है.”
राहुल गांधी ने कहा कि जब उन्होंने एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न) को लेकर शिकायत की, तो उनसे शपथ पत्र (एफ़िडेविट) मांगा गया. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दिन बाद अनुराग ठाकुर ने भी इसी तरह की प्रेस कॉन्फ़्रेंस की थी, लेकिन उनसे कोई शपथ पत्र नहीं मांगा गया.
राहुल गांधी ने कहा, “हम दोनों ने एक ही बात कही, लेकिन मुझसे तुरंत एफ़िडेविट मांगा गया और अनुराग ठाकुर से आज तक नहीं. इससे साफ़ है कि चुनाव आयोग किसके साथ खड़ा है.” राहुल गांधी ने आरोप लगाया, “बिहार में एसआईआर संस्थागत चोरी करने का तरीक़ा है. लाखों वोटर के नाम कट गए. विपक्ष शिकायत कर रहा है लेकिन बीजेपी कोई शिकायत नहीं कर रही है क्योंकि इनके बीच में पार्टनरशिप है.”
राहुल गांधी के आरोपों पर बीजेपी का पलटवार
वरिष्ठ बीजेपी सांसद रवि शंकर प्रसाद ने विपक्ष की ओर से बीजेपी और चुनाव आयोग पर लगाए जा रहे ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर कहा, “राहुल गांधी और तेजस्वी यादव रोज़ झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को 37 और कांग्रेस को 6 सीटें मिली थीं, वहीं बीजेपी को विपक्षी गठबंधन से कम 33 सीटें मिली थीं. उन्होंने कहा, “उस समय आप खुश थे. जब आपके पक्ष में जनता वोट दे, तो चुनाव आयोग ठीक और जब आपको वोट न मिले, तो चुनाव आयोग ख़राब.”
चुनाव आयोग ने मांगा था एफ़िडेविट
राहुल गांधी के आरोप पर चुनाव आयोग ने कहा था कि अगर आप संबंधित इलाक़े के वोटर नहीं हैं तो आपको शपथ पत्र देना होगा. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा था, “जहां आप गड़बड़ी की बात कर रहे हैं और आप उस विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक नहीं है तो क़ानून के मुताबिक़ आपको शपथ पत्र देना होगा.”
“आप गवाह के तौर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं और इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफ़िसर को आपको एक शपथ देनी होगी और वह शपथ जिस व्यक्ति के ख़िलाफ़ आपने शिकायत की है, उसके सामने दर्ज करानी होगी.” उन्होंने बताया कि यह क़ानून कई साल पुराना है और सबके लिए समान तरह से लागू है.