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कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में छात्रा से बलात्कार की घटना ने शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है. इस मामले के सामने आने के बाद राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इस बीच बीजेपी ने चार सदस्यों की फैक्ट फाइंडिंग टीम गठित की है, जिसमें सत्यपाल सिंह, मीनाक्षी लेखी, बिप्लब कुमार देब और मनन कुमार मिश्रा शामिल हैं.
वहीं, इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी के सदस्यों की संख्या पांच से बढ़ाकर नौ कर दी गई है. एसआईटी का कहना है कि उसने छात्रा और अभियुक्तों का डीएनए टेस्ट कराने के लिए सैंपल इकट्ठा कर लिए हैं.
विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला तेज़
इस बीच इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला तेज़ हो गया है. रविवार को भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और सीपीएम के अलावा कई अन्य संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. तो वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम भी कोलकाता पहुंची और घटनास्थल का दौरा किया. टीम की प्रमुख अर्चना मजूमदार ने कोलकाता पुलिस पर सहयोग न करने और जानकारी मुहैया न कराने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया, “पुलिस महिला या उसके परिजनों से हमें मुलाक़ात नहीं करने दे रही है.”
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने घटना के विरोध में लालबाज़ार में पुलिस मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया, जहां उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई. कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. पार्टी इस घटना के बाद से ही महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे़ की मांग कर रही है. ममता प्रदेश की गृह मंत्री भी हैं.
इससे पहले प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को शनिवार रात हिरासत में रहने के बाद रविवार सुबह रिहा किया गया. उन्होंने पत्रकारों से कहा, “इस घटना के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन और तेज़ किया जाएगा. पार्टी की चार-सदस्यीय एक जांच टीम भी कोलकाता का दौरा करेगी.”
बंगाल महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित : टीएमसी
इस बीच तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने पश्चिम बंगाल को महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित प्रदेश बताया है. साथ ही उन्होंने दावा किया है कि बंगाल में सामाजिक अपराध कम हो गए हैं. कुणाल घोष ने कहा, “बंगाल में पुलिस एक्शन लेती है. यहां सामाजिक अपराध कम हो गया है. बंगाल महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित प्रदेश है.”