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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने 11 जुलाई से शुरू होने वाले देवघर स्थित विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला में QR Based Complain System शुरू करने और श्रद्धालुओं की परेशानी, शिकायतों और समस्याओं के त्वरित निष्पादन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान में बाबा बैद्यनाथ धाम- बासुकीनाथ तीर्थ क्षेत्र विकास प्राधिकार एवं वरीय पदाधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने राजकीय श्रावणी मेले से जुड़ी सभी तैयारियों को ससमय पूरा करने का भी अधिकारियों को निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रावणी मेला में देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं तो ऐसे में उनकी सुरक्षा और सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों ने श्रावणी मेला की चल रही तैयारियों की अद्यतन स्थिति की भी जानकारी ली. उच्चस्तरीय बैठक में मंत्री सुदिव्य कुमार, विधायक सुरेश पासवान, विधायक देवेंद्र कुंवर, मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव मस्त राम मीणा, प्रधान सचिव वंदना दादेल, पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता, सचिव मनोज कुमार भी मौजूद थे.
श्रावणी मेला को दें भव्यता
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रावणी मेला हमारी आस्था का एक बड़ा केंद्र है. इससे झारखंड को देश- दुनिया में विशिष्ट पहचान मिलती है. हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा नगरी आते हैं. इस वर्ष भी लगभग 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. ऐसे में श्रद्धालु यहां से बेहतर अनुभव लेकर जाएं, इसके लिए श्रावणी मेला में नई कड़ियों को जोड़ने के साथ इसे और भी भव्य स्वरूप देने की दिशा में आगे बढ़ें. इसके लिए जो भी जरूरतें होगी, उसे उपलब्ध कराया जाएगा. मुख्यमंत्री ने सुरक्षा, स्वच्छता, विश्राम, पेयजल, बिजली, पानी, शौचालय, स्नानागार, यातायात और स्वास्थ्य से संबंधित सारी व्यवस्थाएं पुख्ता होने पर जोर दिया.
मेला रूट में खाली पड़ी जमीन का उपयोग हो
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे श्रावणी मेला के समापन तक के लिए मेला रूट में खाली पड़ी जमीन को लेने के लिए रैयतों से बात करें. अगर वे इसके लिए तैयार हो जाते हैं तो उस जमीन पर विश्राम गृह, शौचालय और स्नानागार की व्यवस्था करें, ताकि श्रद्धालुओं को अच्छी व्यवस्था मिल सके. उन्होंने यह भी कहा कि मेला के समापन के बाद उक्त जमीन की पूरी साफ सफाई कर उसके रैयत को वापस कर दें. मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बच्चों के लिए अलग से रहने और भोजन की व्यवस्था करने का भी निर्देश अधिकारियों को दिया.