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बिहार में STET परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है. सोमवार को एक बार फिर राजधानी पटना में हजारों की संख्या में अभ्यर्थी सड़क पर आंदोलन के लिए उतरे. अभ्यर्थियों का कहना था कि वे कई महीनों से परीक्षा की तारीख का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार बार-बार भरोसा दिलाकर पीछे हट जाती है. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि, TRE-4 परीक्षा से पहले STET नहीं कराने की कोशिश छात्रों के साथ धोखा है. अभ्यर्थी पिछले कई सालों से परीक्षा की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. सोमवार को भी राज्यभर से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पटना पहुंचे थे.
प्रदर्शन में छात्र ‘एसटीईटी नहीं तो वोट नहीं’ लिखी तख़्तियां लेकर आए थे. ये अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करना चाहते थे, लेकिन पटना पुलिस ने उन्हें डाकबंगला चौराहे पर ही रोक दिया. इसके लिए बैरिकेडिंग लगाई गई थी.
अभ्यर्थियों के नहीं मानने पर पुलिस और छात्रों के बीच धक्का-मुक्की हुई. हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बल प्रयोग नहीं किया गया. इस आंदोलन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं. वे नारे लगाते हुए साफ कह रहे हैं कि, परीक्षा की तारीख घोषित होने तक आंदोलन जारी रहेगा.
पटना डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर कृष्ण मुरारी प्रसाद ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा. “बल का प्रयोग नहीं किया गया है. उनके प्रतिनिधिमंडल मिलने के लिए जा चुके हैं. तो और लोगों को वापस चले जाना चाहिए. पूर्व में भी इनके प्रतिनिधिमंडल को मिलवाया गया है. ये अड़े हुए हैं कि हमारी मांग को पूरा किया जाए.” ”अगर वे धरना देना चाहते हैं तो गर्दनीबाग़ में दें. लेकिन डाकबंगला चौराहा जाम करना, व्यवस्था को प्रभावित करना, इससे स्कूल के बच्चे जाम में फंस जाते हैं. ये मुख्य मार्ग है, लोगों को फ्लाइट लेनी होती है. ऐसे में ये कतई स्वीकार्य नहीं है.”