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IMA हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ़ इंडिया ने प्रेस कांफ्रेंस किया. प्रेस कांफ्रेंस मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना जिसे हम आयुष्मान भारत योजना के नाम से भी जानते हैं. यह योजना उन गरीबों के लिए शुरू की गई थी. जो बीमार पड़ने पर इलाज कराने में असमर्थ थे. लेकिन अब डाक्टरों ने आयुष्मान के तहत इलाज करने में अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. डॉक्टर्स का कहना है की अस्पतालों को लम्बे समय से भुगतान नहीं किया गया है. जिसकी वजह से अब अस्पताल भी असमर्थ हो रहे हैं. लगभग 2212 अस्पतालों को लगभग 10 महीनो से भुगतान नहीं किया जा रहा है.
7 वर्षो से एक भी बैठक आयोजित नहीं की गई
2212 अस्पताल NAUF के तहत आरोपित हैं लेकिन कई अस्पताल आरोप मुक्त हो चुके हैं.आरोप मुक्त होने के बाद भी उन अस्पतालों को भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने कहा की सरकार निजी अस्पतालों को सिर्फ निर्देश देती है और नियम लागु करती है लेकिन हमारे तकलीफों को नहीं समझती है.निजी अस्पतालों के सिर्फ निर्देश देती है,नियम लागु करती है लेकिन हमारे बातो पर ध्यान नहीं देते हैं. निजी अस्पतालों के समस्याओं के लिए हर जिले में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ की मासिक बैठक का प्रावधान है.फिर भी लगभग 7 वर्षो से एक भी बैठक आयोजित नहीं की गई है. एक दो जिलों में बैठक हुई भी तो एक या दो बैठक ही संपन्न हुई, उसमे भी निजी अस्पतालों को शामिल नहीं किया जाता है. अगर सरकार की यही स्थिती रही तो हमें मजबूरन आयुष्मान कार्ड का इलाज बंद करना पड़ेगा ,जिसकी जिम्मेदारी और जवाबदेही सरकार की होगी .