झारखंड की राजधानी रांची में एतिहासिक रथयात्रा महोत्सव की तैयारी बुधवार को अक्षय तृतीया के अवसर पर शुरू हो गई. जगन्नाथपुर मंदिर, बड़कागढ़ में ऐतिहासिक रथ यात्रा महोत्सव की शुरुआत रथ निर्माण लकड़ी पूजा के साथ हुआ. मंत्रोचारण और शंख, घंट, जयकारे के बीच रथ निर्माण सामग्री लकड़ी की जगन्नाथ मंदिर न्यास समिति के उपाध्यक्ष अशोक नरसरिया, सचिव मिथिलेश कुमार और मंदिर के प्रथम सेवक (सेवाइत) ठाकुर सुधांशु नाथ शाहदेव ने पूजा अर्चना की. पुरी के कारीगर और स्थानीय कारीगर मिल कर रथ निर्माण कार्य करते हैं. इस वर्ष 27 जून को महाप्रभु का रथ यात्रा होने जा रहा है, इसे लेकर मंदिर समिति तैयारी कर रही है. इस पूजन कार्यक्रम में मंदिर के पुजारी ,रथ निर्माण कारीगर एवम कई श्रद्धालु मौजूद रहे.
मान्यता है कि आज ही के दिन से महाप्रभु जगन्नाथ, माता सुभद्रा और भाई बलभद्र स्वामी के उस रथ को बनाने का काम शुरू होता है, जिस पर सवार होकर रथयात्रा के दिन वह मौसीबाडी जाते है. नवदिवस रथ यात्रा महोत्सव रथ पूजा के साथ प्रारंभ हो जाता है. 1691 ई. में ठाकुर एनी नाथ शाहदेव ने श्री जगन्नाथ मंदिर की स्थापना की. तब से आज तक उत्कल की परंपरा, पूजा पद्धति, अनुष्ठान होते आ रहा है.