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जन सुराज की बहुप्रतीक्षित पटना रैली को लेकर पटना से अलग-अलग तरह की खबर आ रही है। पार्टी ने लगभग दो लाख से अधिक लोगों के रैली स्थल गाँधी मैदान पहुँचने की संभावना व्यक्त की थी। लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। सूबे के विभिन्न जिलों से पहुंचे वाहन पटना के सीमा पर ही खड़े रह गए। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर खुद कई जगह गए भी। शहर में इस वजह कर कई जगहों पर जाम की भी स्थिति रही। दूसरी वजह रही, शुक्रवार यानी जुमा का होना। चूँकि मुस्लिम समाज में प्रशांत किशोर को लेकर एक क्रेज़ देखने को मिलता है। लेकिन जुमा नमाज़ के सबब उन्हें थोड़ी असुविधा हुई।

नीतीश कुमार पर जमकर बरसे प्रशांत
प्रशांत किशोर दिन ढलने के बाद गाँधी मैदान पहुंचे। और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने रैली में लोगों को आने नहें दिया। कार्यकर्ताओं की गाड़ियाँ जहाँ-तहां रोक दी गयीं। 2 लाख से ज्यादा लोग बसों में भूख-प्यासे जाम में फंसे रहे। जबकि उनकी पार्टी ने बाजाप्ता कई स्तर पर प्रशासन से बात की थी। अनुमति ली गयी थी। इसके बावजूद बिहार की जनता को परेशान करना प्रशासन का निकम्मापन है। वो घंटों प्रशासन के हाथ-पैर जोड़ते रहे, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

नीतीश का होगा राजनीतिक श्राद्ध
प्रशांत ने नीतीश सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया है। उन्होंने जल्द ही बिहार बदलाव यात्रा निकलने की बात भी कही है। प्रशांत कभी नीतीश के बहुत करीबी माने जाते थे. JDU में महत्वपूर्ण पद पर भी थे। उन दिनों को याद करते हुए प्रशांत ने ना महज़ चुटकी ली बल्कि, कटाक्ष भी करारा किया। उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने JDU की मदद नहीं की होती तो आज नीतीश कुमार संन्यासी बने भटक रहे होते। उनके ही कारण तब उनकी सरकार बनी थी। आगे प्रशांत बोले, जो शादी कराता है, वही श्राद्ध भी कराता है। उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी नीतीश कुमार का राजनीतिक श्राद्ध करेगी।

दो हज़ार बसें रोक दी गयीं : सैयद मसीह उद्दीन
जन सुराज के प्रवक्ता सैयद मसीह उद्दीन ने बताया कि महागठबंधन तो उनके नेता प्रशांत किशोर से तंग-परेशां है ही। NDA सरकार जन सुराजियों से घबराई हुई है, जिस तरह ब्रिटिश हुकूमत हिन्दुस्तानी वीरों से घबराती थी। नीतीश सरकार ने पूरी ताक़त झोंक दी कि गाँधी मैदान की रैली सफल ही ना हो। हर जगह पुलिस और प्रशासन का इस्तेमाल किया गया। विरोधियों की आवाज़ लोकतंत्र में दबाई नहीं जा सकती है। लाखों लोग आये लेकिन उन्हें गाँधी मैदान पहुँचने नहीं दिया गया। दो हज़ार बसों को रोक दिया गया। बारह घंटे तक गाँधी सेतु जाम रहा। औरंगाबाद, गया और नवादा की ओर से आने वाली बसें बिहटा में ही रोक दी गयीं। जो भी लोग पहुँच सके वे छोटी गाड़ियों से ही आये। लेकिन हमारे नेता प्रशांत किशोर जब बिहार बदलाव यात्रा में निकलेंगे तो तस्वीर कुछ और ही होगी।