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जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने SIR मामले में भाजपा पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि भाजपा के कहने पर चुनाव आयोग बिहार के गरीब-वंचित और मुसलमानों का नाम काटने की कोशिश कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर आपके पास आधार है तो आपको वोट देने का अधिकार है. चुनाव आयोग किसी की नागरिकता तय नहीं कर सकता है. जिनका नाम कटेगा, उनके लिए हमलोग लड़ेंगे, लेकिन नाम कटने के बाद भी जितने लोग बच जायेंगे, वही भाजपा को हराने के लिए काफी है. बिहार बदलाव यात्रा के क्रम में सीतामढ़ी के डुमरा फुटबॉल ग्राउंड में आयोजित बिहार बदलाव जनसभा को वह संबोधित कर रहे थे.
जनसभा के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्तावित 8 अगस्त को होने वाले सीतामढ़ी दौरे पर हमला बोलते हुए प्रशांत किशोर ने भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी घेरा.
प्रशांत किशोर ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हो या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या फिर राहुल गांधी, चुनाव के अलावा वह एक रात भी बिहार में नहीं गुजारते हैं. आखिर अमित शाह महाराष्ट्र में बिहार के युवाओं के साथ होने वाली घटनाओं पर क्यों चुप हैं. अब वोट लेने के लिए सीतामढ़ी में आकर भाषण देंगे, इसे कोई मानने वाला नहीं है.
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में डोमिसाइल नीति लागू होना सरकार का झूठा प्रचार है, वह लोगों को बेवकूफ़ बना रही है. बिहार में अभी सिर्फ TRE-4 के लिए डोमिसाइल में बदलाव को सूचित किया गया है.
इससे पहले 3 लाख शिक्षकों की बहाली हो गई, जिसमें ज्यादातर बिहार से बाहर के लोगों का हो गया. यह नहीं बता रहे हैं कि इसमें कितना परसेंट बिहार के लोग रहेंगे. अगर डोमिसाइल लागू हो रहा है तो बिहार के सौ प्रतिशत बच्चों को नौकरी मिलना चाहिए.