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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को एक बार फिर बिहार पहुंचे. यहां गया जी में पीएम ने लगभग 13000 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया. इसके साथ ही उन्होंने गयाजी-नई दिल्ली अमृत भारत एक्सप्रेस और वैशाली-कोडरमा बुद्धिस्ट सर्किट ट्रेन को वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया. बाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष की पार्टियों पर हमला किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “साल 2014 में प्रधानमंत्री के तौर पर शुरू हुआ मेरा सेवा काल निरंतर जारी है. इतने वर्षों में मेरी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग़ नहीं लगा. 65 साल तक शासन में रही कांग्रेस के भ्रष्टाचार की लंबी लिस्ट है. आरजेडी का भ्रष्टाचार तो बच्चा-बच्चा जानता है.”
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि अगर भ्रष्टाचार की लड़ाई को अगर अंजाम तक पहुंचाना है तो कोई भी कार्रवाई से बाहर नहीं होनी चाहिए. क़ानून है कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे हिरासत में रख दिया तो वह अपने आप सस्पेंड हो जाता है. उसकी जिंदगी हमेशा-हमेशा के लिए तबाह हो जाती है. कोई मुख्यमंत्री है, कोई मंत्री है, कोई प्रधानमंत्री है वो जेल में रहकर भी सत्ता का सुख पा सकता है. ये कैसे हो सकता है? ऐसा होगा, तो भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा?”
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान हर जनप्रतिनिधि से ईमानदारी और पारदर्शिता की उम्मीद करता है. उन्होंने कहा, “हम संविधान की मर्यादा को तार-तार होते नहीं देख सकते. इसलिए एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक ऐसा क़ानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी है.”
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे राजेंद्र बाबू और बाबा साहेब अंबेडकर ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि सत्ता के भूखे लोग भ्रष्टाचार करेंगे और जेल जाने पर भी कुर्सी से चिपके रहेंगे. लेकिन अब भ्रष्टाचारी जेल भी जाएगा और उनकी कुर्सी भी जाएगी. ये संकल्प अब सिद्ध होकर रहेगा.”
पीएम मोदी ने बताया कि इस क़ानून में दायरे में मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भी रखा गया है. उन्होंने कहा, “जब यह क़ानून बन जाएगा तो प्रधानमंत्री हो या मुख्यमंत्री या फिर कोई भी मंत्री, उसे गिरफ़्तारी के 30 दिन के अंदर जमानत लेनी होगी. जमानत नहीं मिली तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी पड़ेगी.”
उन्होंने कहा कि आरजेडी, कांग्रेस, लेफ्ट से जुड़े लोग इस क़ानून का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “इन्हें लगता है कि अगर ये जेल चले गए तो इनके सपने चकनाचूर हो जाएंगे और इसीलिए सुबह, शाम मोदी को भांति-भांति की गाली दे रहे हैं. इतने बौखलाएं हुए हैं कि इस जनहित के इस क़ानून का विरोध कर रहे हैं.”