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संसद का मानसून सत्र गुरूवार 21 अगस्त को समाप्त हो गया. 22 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र के दौरान 18वीं लोकसभा में निर्धारित 120 घंटे के कामकाज में केवल 37 घंटे ही कामकाज हो सका. अपने समापन भाषण में स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन में 120 घंटे चर्चा का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन सिर्फ 37 घंटे ही चर्चा हो सकी. यह संसदीय मर्यादा और परंपरा के अनुसार नहीं है.
उन्होंने कहा, ” इस सत्र में लोकसभा में कुल 12 विधेयक पारित किए गए. 28 और 29 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा हुई, जिसका समापन प्रधानमंत्री के उत्तर के साथ हुआ.” ओम बिरला ने कहा, “सहमति और असहमति होना लोकतंत्र की स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिए कि हम सदन की गरिमा को बनाए रखें.”