जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के ठीक 24 घंटे में ही केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ महत्वपूर्ण व कड़ा फैसला करते हुए अगले 48 घंटे में सभी पाकिस्तानियों को देश छोड़ने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही तत्काल प्रभाव से अटारी-बाघा बॉर्डर को भी स्थायी रूप से बंद करने का एलान किया है.
बुधवार शाम को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की हुई बैठक में यह फैसला किया गया. प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित कई शीर्ष अधिकारी मौजूद थे.
इस बैठक में लिए गए अहम फ़ैसलों में पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को भी अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा दोनों देशों के उच्चायोग में भी कार्यरत कर्मियों की संख्या भी कम करने का निर्देश दिया गया है. पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई है जबकि कई अन्य लोग घायल हुए हैं.
सीसीएस की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अब पाकिस्तानी नागरिक सार्क वीजा छूट स्कीम (एसवीईएस) के तहत जारी वीजा के आधार पर भारत की यात्रा नहीं कर पाएंगे. एसवीईएस के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को पूर्व में जारी किए वीजा रद्द माने जाएंगे. एसवीईएस के तहत जो भी पाकिस्तानी नागरिक भारत में हैं उन्हें 48 घंटों में भारत छोड़ना होगा.
इसके अलावा नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को अवांछित (पर्सोना नॉ ग्रेटा) व्यक्ति करार दिया गया है. उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है. वहीं भारत भी इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग के रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को भी वापस बुला रहा है. दोनों उच्चायोगों से इन सैन्य सलाहकारों के पांच सपोर्ट स्टाफ को भी वापस ले लिया जाएगा. उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से धीरे-धीरे घटाकर 30 कर दी जाएगी. ये फ़ैसला 1 मई 2025 से लागू हो जाएगा.