जम्मू कश्मीर के प्रमुख पर्यटक स्थल पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी घटना में शामिल तीन संदिग्धों के स्कैच जारी किए गए हैं. इस घटना में 26 लोगों की जान गई है जबकि 20 से ज्यादा लोग इसमें घायल हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से जारी स्केच में आतंकियों की पहचान आसिफ फौजी, सुलेमान साह और अबू तल्हा के रूप में की गई है. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, हमले को चार आतंकियों ने अंजाम दिया था.
इस बीच जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहलगाम हमले में मारे गए हर एक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो लाख रुपये और घायलों को एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. पीएम मोदी ने हमले की निंदा करते हुए दुख जताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे आतंकवादी हमला बताया है और कहा है कि हमले के ज़िम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा.
यह नरसंहार है: ओवैसी
हैदराबाद में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पहलगाम में जो कुछ हुआ, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं और हमें उम्मीद है कि सरकार इन आतंकवादियों को दंडित करेगी. हम उन सभी परिवारों के साथ खड़े हैं जो आतंकवादियों द्वारा मारे गए और घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करते हैं. यह घटना उरी और पुलवामा हमलों से भी अधिक निंदनीय है. इस बार आतंकवादियों ने नागरिकों को निशाना बनाया. यह नरसंहार है.
जिद ने बचाई तीन जजों की जान
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में केरल हाईकोर्ट के तीन जज जस्टिस अनिल के नरेंद्रन, जस्टिस जी गिरीश और जस्टिस पीजी अजित कुमार बाल-बाल बच गए. तीनों जज अपने परिवार के साथ जम्मू-कश्मीर में छुट्टियां मना रहे थे. जस्टिस नरेंद्रन की डल झील में नाव की सवारी के लिए श्रीनगर लौटने की जिद ने सबकी जान बचाई. आठ सदस्यीय टीम 17 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पहुंची थी. सोमवार को यह दल पहलगाम पहुंचा. इलाके का दौरा करने और कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल घूमने के बाद ये लोग दिनभर पहलगाम में रुके. वे मंगलवार हमले से कुछ घंटे पहले सुबह 9:30 बजे वहां से निकले. दरअसल, जस्टिस नरेंद्रन ने कीडल झील में नाव की सवारी के लिए दोपहर तक श्रीनगर पहुंचने की जिद पकड़ी थी.