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पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वालों और उसकी साजिश रचने वालों को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फिर चेताया. उन्होंने कहा, “अगर कोई ये कायराना हमला करके ये समझता है कि ये हमारी बड़ी जीत है, तो एक बात मन से समझ लीजिए. ये नरेंद्र मोदी सरकार है. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. इस देश की इंच इंच भूमि पर से आतंकवाद को मूल समेत उखाड़ने का हमारा संकल्प है और वो सिद्ध होकर रहेगा. इस लड़ाई में न केवल 140 करोड़ भारतीय बल्कि पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है.”
शाह ने कहा, “दुनिया आतंकवाद के ख़िलाफ़ इस लड़ाई में भारत की जनता के साथ खड़ी है. मैं फिर से यह संकल्प दोहराना चाहता हूं, जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं होगा तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी. जिन्होंने यह कृत्य किया है, उसका उचित दंड उनको निश्चित रूप से दिया जाएगा. मैं सभी आतंक फैलाने वालों को कहना चाहता हूं कि ये लड़ाई का अंत नहीं है. ये मक़ाम है. हर व्यक्ति को चुन चुनकर जवाब भी मिलेगा और जवाब भी लिया जाएगा.”
विनय नरवाल की पत्नी बोलीं, “मुसलमानों के ख़िलाफ़ ना जाएं”
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल ने मुसलमानों को लेकर बयान दिया है. हरियाणा के करनाल में ब्लड डोनेशन करने पहुंची हिमांशी नरवाल ने एक न्यूज एजेंसी से कहा, ” हम नहीं चाहते कि लोग मुसलमानों या कश्मीरियों के ख़िलाफ़ जाएं. हम शांति चाहते हैं और केवल शांति. बेशक, हम न्याय चाहते हैं, जिन्होंने ग़लत किया है उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए.” इस मौके पर पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह भी देश की सेवा का रास्ता चुनेंगी.
भारतीय नौसेना के 26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शादी 16 अप्रैल को हुई थी और हमले से चार दिन पहले 19 अप्रैल को उनका रिसेप्शन हुआ था. घटना के दिन वह पत्नी हिमांशी नरवाल के साथ छुट्टी मनाने कश्मीर गए थे. हरियाणा के करनाल ज़िले के रहने वाले नरवाल ने दो साल पहले ही नौसेना में नौकरी शुरू की थी. वो बीटेक करने के बाद भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे.
हमले के बाद अब तक हुई कार्रवाई
जम्मू कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में बीते 22 अप्रैल को सीमा पार विदेशी आतंकियों ने हमला कर 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी. इस हमले के बाद भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार मानते हुए सिंधु जल समझौता निलंबित कर दिया और अटारी-वाघा सीमा भी बंद कर दी. वहीं भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटों के भीतर देश छोड़ने के लिए कह दिया था. इसके अलावा दोनों देशों में एक मई से राजनयिकों की मौजूदगी भी कम कर दी गई है. भारत ने पाकिस्तान के सभी विमानों के लिए 23 मई तक अपना एयरस्पेस भी बंद कर दिया है.