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बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर मचे बवाल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जुलाई को मोतिहारी आ रहे हैं. वह बिहार वासियों को 7196 करोड़ की राशि से विकास योजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यस और लोकार्पण करेंगे. प्रधानमंत्री के रूप में वह 53 वीं बार बिहार का दौरा होगा, जो अब तक किसी भी पीएम का सबसे अधिक है यानी बिहार की सबसे अधिक यात्रा करने वाले वह देश के पहले प्रधानमंत्री होंगे. प्रधानमंत्री मोतिहारी में जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
इन योजनाओं का होगा शिलान्यास व लोकार्पण
प्रधानमंत्री मोतिहारी से राज्य को जिन 7196 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात देंगे, इसमें रेल, सड़क, पीएम आवास और आइटी की योजनाओं में की शुरुआत करेंगे. मोतिहारी से प्रधानमंत्री 5,398 करोड़ से रेलवे की परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे.
वे दो अमृत भारत एक्सप्रेस को रवाना करेंगे. इनमें से एक ट्रेन दरभंगा से लखनऊ व पटना से नयी दिल्ली स्लीपर क्लास ट्रेन है. 4079 करोड़ से दरभंगा-नरकटियागंज रेल ट्रैक का दोहरीकरण होगा. समस्तीपुर- बछवारा के बीच व भटनी-छपरा रेल लाइन में ऑटोमेटिक सिग्नल योजना को अमलीजामा पहनाया जायेगा. प्रधानमंत्री सड़क की 1173 करोड़ की योजनाओं की भी शुरुआत करेंगे.
पूर्वी और पश्चिमी चंपारण की 21 सीटों पर नजर
भाजपा इस दौरे को बेहद अहम मान रही है. राधा मोहन सिंह इसी क्षेत्र से सांसद हैं और पूर्वी चंपारण से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पश्चिमी चंपारण से लोकसभा चुनाव जीते हैं. प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, दोनों जिलों के मतदाताओं पर असर पड़ने की उम्मीद है, जहां कुल मिलाकर 21 विधानसभा सीटें हैं.
2020 के विधानसभा चुनावों में, एनडीए ने इन 21 में से 17 सीटें जीतकर दबदबा बनाया था. पिछली बार एनडीए ने 9 सीटें (8 भाजपा, 1 जदयू) जीती थीं, जबकि राजद ने महागठबंधन के लिए तीन सीटें हासिल की थीं. एनडीए की नज़र कल्याणपुर, सुगौली और नरकटिया सीटों पर फिर से कब्ज़ा करने पर है, जो उसने पहले खो दी थीं.